चुनाव में नियमों के विरुद्ध प्रचार सामग्री छापना वर्जित- धीरेंद्र खडग़टा 

0

 City24news@अनिल मोहनियां

नूंह | जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा ने बताया है कि जिला के प्रिंटिंग प्रेस मालिक इस बात का ध्यान रखें कि वे बिना जांच पड़ताल व नियमों के विरुद्ध जाकर कोई भी चुनाव प्रचार सामग्री प्रकाशित न करें। चुनाव के दौरान मुद्रक व प्रकाशक के नाम के बिना चुनाव से संबंधित पम्पलेट व पोस्टर आदि छापना जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 127 ए का उल्लंघन है और ऐसा करने वाले प्रिंटर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा-188 के तहत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने प्रिंटिंग प्रेस संचालकों को यह भी निर्देश दिए हैं कि चुनाव से संबंधित हर सामग्री पर मुद्रक व प्रकाशक का नाम अवश्य छापें। भारतीय चुनाव आयोग ने लोकसभा उम्मीदवारों के खर्च की सीमा निर्धारित की हुई है, इसलिए यह जरूरी है कि उनके पम्पलेट व पोस्टर आदि के खर्च का भी पूरा हिसाब किताब रहे। 

 जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि लोकसभा आम चुनाव से संबंधित पम्पलेट व पोस्टर आदि उसी स्थिति में छापें जब सामग्री छपवाने वाला व्यक्ति हलफनामे के साथ दो गवाह दें और उनके हस्ताक्षर लेने जरूरी हैं। ऐसे पोस्टर व पम्पलेट आदि छापने के बाद उनकी एक कॉपी जिला मजिस्ट्रेट को भेजनी होगी और राज्य स्तर पर मुख्य चुनाव अधिकारी को कॉपी भेजकर यह बताना होगा कि अमूक व्यक्ति ने चुनाव से संबंधित कितनी संख्या में पोस्टर अथवा पम्पलेट छपवाए हैं और उनके खर्च का भी विवरण देना होगा। उन्होंने कहा कि कॉपी से कॉपी करना भी इसी श्रेणी में आता है। चुनाव पम्पलेट/पोस्टर का अर्थ प्रचार के लिए प्रयोग किए जाने वाले उन सभी कागजातों से है, जिनमें किसी भी राजनैतिक दल या लोकसभा चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार से संबंधित प्रचार की जानकारी हो।

 उन्होंने बताया कि छपाई दस्तावेज पर किसी धर्म, जाति, समाज, भाषा विशेष या चरित्र हनन का प्रकाशन गैर कानूनी होगा और इसे आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा। दोषी पाए जाने पर प्रकाशन व छपवाई करवाने वाले के विरुद्ध जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127क के अनुसार छह माह की कैद या दो हजार रुपए जुर्माना अथवा दोनो का प्रावधान है। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश देते हुए कहा है कि इस अधिनियम के तहत कोई भी व्यक्ति कोई ऐसी निर्वाचन पुस्तिका के पोस्टर, जिसके मुख्य पृष्ठ पर उसके मुद्रक और प्रकाशक का नाम व पता नहीं है तो वह मुद्रित या प्रकाशित नहीं करेगा। उपायुक्त ने प्रिंटिंग प्रैस मालिकों व प्रिंटर्स से अपील करते हुए कहा है कि किसी भी प्रकार की गैर कानूनी सामग्री की छपाई न करेंं। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार ही प्रचार सामग्री की छपाई करें अन्यथा उनके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। आदर्श चुनाव आचार संहिता की पालना करते हुए जिला में लोकसभा चुनाव को पारदर्शी, निष्पक्ष व शांतिपूर्वक ढंग से संपन्न करवाने में जिला प्रशासन का सहयोग करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *