सीनियर सेकेंडरी स्कूल में वैदिक रीति से किया यज्ञ

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City24news@अनिल मोहनियां

नूंह | विक्रमी संवत 2081 व सृष्टि संवत् एक अरब 96 करोड़ 8 लाख 53 हजार 124 वें वर्ष नव वर्ष के उपलक्ष में महाराणा प्रताप सीनियर सेकेंडरी स्कूल भिरावटी इंडरी खंड में वैदिक रीति से यज्ञ किया गया। जिसमें ब्रह्मा की भूमिका आचार्य राजेश ने निभाई और मुख्य यजमान की भूमिका स्कूल के संचालक पवन कुमार धर्मपत्नी प्रिंसिपल बृजवती रानी ने निभाई। इस अवसर पर नवीन कुमार रेवाड़ी ने बताया हमारे भारतीय पंचांग के अनुसार सारे कार्य किए जाते थे भगवान राम का राज्याभिषेक विक्रमादित्य के सारे कार्य चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के अवसर पर शुरू किए जाते थे सम्मानित वेदपाल आर्य कवि ने मां पर कविता सुना करके सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया उन्होंने बताया माता निर्माता भवति मां बच्चों का निर्माण करती है माँ चाहे तो बच्चे को संत बना दे माँ चाहे तो बच्चे को डाकू और चोर बना दे। डॉ राजकुमार यादव ने भारतीय नव वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए संस्कृति संस्कार और संस्कृत की भारत के तीन आधार स्तंभ बताएं उन्होंने कहा हमें अपने महापुरुषों के बताए हुए रास्ते पर चलना चाहिए। भारत को भारतीयता की मान्यताओं के आधार पर फिर से खड़ा करना चाहता हूं और इसी काम में लगा हूं। इस अवसर पर सूबेदार मेजर लालचंद आर्य सुनील शास्त्री राकेश भारद्वाज सूर्यकांत पवन कुमार रवि मुकेश सुनील हरिओम बबीता शर्मा ममता शर्मा वंदना रिया पूजा राघव मिथिलेश पिंकी शर्मा नीलम शर्मा संजना पूजा बबीता आदि उपस्थित रहे

 इस अवसर पर आचार्य राजेश के द्वारा बताया गया कि आज हमारा नव वर्ष वैज्ञानिक दृष्टि से यही है क्योंकि 1 जनवरी को कुछ भी नया नहीं होता मौसम में कोई परिवर्तन नहीं होता प्रकृति में कोई परिवर्तन नहीं होता तो वह नव वर्ष क्यों जबकि हमारा नव वर्ष यही वैज्ञानिक है अब विद्यार्थियों की कक्षाएं बदली है किसानो की नई फसल घर में आई है व्यापारियों के भी खाता चेंज हुए हैं प्रकृति में पेड़ पौधों पर नई-नई कोपलें नए-नए पत्ते निकल कर आए हैं तो पूरी प्रकृति में एक नयापन है इसीलिए हमारा यही नव वर्ष होना चाहिए लेकिन विडम्बना रही कि अंग्रेजों की गुलामी के कारण पूरी दुनिया में आज 1 जनवरी को नववर्ष मनाया जाता है अब समय बदल रहा है और हमें पूर्ण विश्वास है की आने वाला समय भारत का होगा क्योंकि भारत के ऋषि मुनियों ने वैज्ञानिक ढंग से हर एक चीज बताई है हमारे वेद ज्ञान के भंडार हैं उन्हीं के आधार पर हम चलेंगे और हमारे पीछे-पीछे पूरी दुनिया चलेगी आप सभी को भी नववर्ष की बहुत-बहुत शुभकामनाएं आज से 9 दिन के नवरात्रि भी प्रारंभ हो रहे हैं उसके पीछे भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण हमारे ऋषि मुनियों का रहा है कि एक मौसम के जाने और दूसरे मौसम के आने पर 9 दिन यदि हम उपवास कर लेते हैं तो हमारी शारीरिक और मानसिक शक्तियों में वृद्धि होती है आंतों की शुद्धि होती है और हमारी पाचन क्रिया अच्छी रहती है जिससे कि हम पूरे सीजन के लिए तैयार हो जाते है अंत में पवन कुमार स्कूल संचालक ने सभी का धन्यवाद किया।

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