सद्गुरु ने इस पत्ते को बताया जहर का एंटीडोट
City24news@भावना कौशिश
भारत में प्राचीन काल से पान सुपारी खाने की परंपरा चली आ रही है। बनारस, कानपुर और दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में यह पत्ता जीवनशैली का अमिट हिस्सा है। धार्मिक कार्यों में भी इसका उपयोग शुभ माना जाता है। इसमें औषधीय गुणों की भरमार है जिसके बारे में लोगों को नहीं पता। पान खाने के फायदों के बारे में सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने भी बात की।
पान खाने के फायदे: आध्यात्मिक गुरु जग्गी वासुदेव ने अपने यूट्यूब चैनल पर पान के पत्ते के औषधीय गुणों के बारे में खुलासा कर रखा है। यह एनर्जी सोखने का काम करता है और बुद्धि तेज कर सकता है। यह जहर के एंटीडोट की तरह काम करता है और शरीर के अंदर मौजूद जहरीले तत्वों को बाहर निकालने का काम करता है।
दौड़ेगी पचाने की मशीन
अगर खाने के बाद पेट दर्द करने लगता है या फिर गैस, अपच, ब्लोटिंग होती है तो आपका डायजेस्टिव सिस्टम खराब है। डायजेशन को सुधारना ही इसका एकमात्र इलाज है। सद्गुरु के मुताबिक पान का पत्ता डायजेस्टिव है जो पचाने की मशीन को तेज करता है और पेट हल्का रहता है।
एसिडिटी का जबरदस्त उपाय
सीने में जलन, खट्टी डकार आना जैसी समस्याएं एसिडिटी के लक्षण होती हैं। स्टमक एसिड या शरीर का पीएच लेवल बढ़ने पर यह दिक्कत होने लगती है। इसे कम करने के लिए पान के पत्ते जैसी अल्कलाइन चीजें खानी चाहिए। यह स्किन एलर्जी और मुंहासों में भी फायदा पहुंचा सकता है। NCBI का एक शोध भी इसमें एसकॉर्बिक एसिड की मात्रा बताता है जो कि अल्कलाइन इफेक्ट देता है।
जहर का एंटीडोट
खाना पचने के दौरान कुछ टॉक्सिन बनते हैं जिन्हें जहरीले विषाक्त पदार्थ कहा जाता है। पान का पत्ता इन्हें निष्क्रिय करके बाहर करने में मदद करता है। सद्गुरु के मुताबिक यह औषधीय जड़ी बूटी कोबरा सांप के जहर का असर भी कुछ हद तक कम कर सकती है।