रेस्टोरेंट के खाने में हो सकता है सफेद जहर
City24News@ भावना कौशिश
नई दिल्ली। लाइफस्टाइल और लिविंग स्टैंडर्ड बदल जाने पर आजकल रेस्टोरेंट में जाकर खाना आम हो गया है। लोगों को लुभाने और खाने को फोटोजेनिक बनाने के लिए रेस्टॉरेंट भी नई-नई तरकीबें इस्तेमाल करते हैं, जिसमें ड्राई आइस का इस्तेमाल भी शामिल है। इसकी मदद से खाने और ड्रिंक्स से सफेद धुआं निकाला जाता है जो खाने को आई कैचर बना देता है।
यह ड्राई आइस सेहत के लिहाज से काफी खतरनाक हो सकती है। दिल्ली-एनसीआर के एक रेस्टॉरेंट में 5 लोगों की माउथ फ्रेशनर खाने के बाद बुरी तरह हालत खराब हो गई। वायरल वीडियो में देखा गया कि लोग दर्द के मारे चीख रहे थे और उल्टी कर रहे थे।
ड्राई आइस खाने से क्या होता है?
ड्राई आइस का सेवन जानलेवा और गंभीर रिजल्ट देने वाला हो सकता है। यह सॉलिड कार्बन डाइऑक्साइड होती है जिसका तापमान बहुत ज्यादा कम होता है। मुंह के अंदर जाने पर इससे जीभ, तलवा, अंदरुनी अंग जल सकते हैं। इसका धुआं डायजेस्टिव सिस्टम में इकट्ठा होने से ब्लोटिंग, पेट दर्द, उल्टी और जान का खतरा हो सकता है। ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टरी सहायता की जरूरत पड़ती है।
ड्राई आइस कैसे बनती है?
कार्बन डाइऑक्साइड को जब करीब -78.5°C (-109.3°F) के तापमान पर सॉलिड किया जाता है तो ड्राई आइस बनती है। यह एक कंप्रेस्ड और कूलिंग गैस होती है जिसे लिक्विड फेज में पहुंचाए बिना सॉलिड स्टेज में पहुंचाया जाता है। जब यह गर्म या खुले तापमान के संपर्क में आती है जो सॉलिड से सीधा गैस बनने लगती है और सफेद-गाढ़ा धुआं उठने लगता है।
इंसानों के लिए खतरनाक है ड्राई आइस
अगर इसका सही इस्तेमाल नहीं किया जाए तो यह इंसानों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। इसे सीधा छूने से हाथ गंभीर रूप से जल सकते हैं। सामान्य तापमान के संपर्क में इससे भारी मात्रा में खतरनाक कार्बन डाइऑक्साइड निकलती है जो फेफड़ों के लिए नुकसानदायक हो सकती है। इसलिए उचित सावधानी और खुली जगह पर इस्तेमाल करना चाहिए।(स्रोत: समाचार एजेंसी)