एनटीआईपीआरआईटी ने  “मानकीकरण अंतर को पाटने” पर दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की

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City24News@ भावना कौशिश
नई दिल्ली । गाजियाबाद में “मानकीकरण अंतर को पाटने” पर दो दिवसीय कार्यशाला में सहयोगात्मक मानक-निर्धारण प्रक्रियाओं के महत्व को रेखांकित किया गया और वैश्विक आईसीटी मानकीकरण प्रयासों में योगदान के लिए भारत द्वारा उठाए जा रहे सक्रिय कदमों पर प्रकाश डाला गया। कार्यशाला का आयोजन दूरसंचार विभाग के तहत राष्ट्रीय दूरसंचार नीति अनुसंधान, नवाचार और प्रशिक्षण संस्थान (एनटीआईपीआरआईटी), गाजियाबाद ने अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ  क्षेत्र कार्यालय और इनोवेशन सेंटर, नई दिल्ली के सहयोग से किया था।

कार्यशाला का उद्देश्य दूरसंचार मानक लेखन कौशल विकसित करना है जो किसी भी देश के विकास के लिए आवश्यक है क्योंकि यह देश को भविष्य की प्रौद्योगिकियों को आकार देने, आर्थिक विकास को प्रोत्‍साहित करने, डिजिटल खाई को पाटने, वैश्विक अंतर-संचालनीयता सुनिश्चित करने, सुरक्षा बढ़ाने तथा सहयोग को बढ़ावा देने में सक्षम बनाता है।

सुश्री मधु अरोड़ा ने अपने उद्घाटन भाषण में डिजिटल इक्विटी और तकनीकी प्रगति प्राप्त करने में मानकीकरण की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया। एनटीआईपीआरआईटी के महानिदेशक देब कुमार चक्रवर्ती ने विभिन्न उद्योगों में अंतरसंचालनीयता, नवाचार और निर्बाध संचार सुनिश्चित करने में वैश्विक मानकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। मार्टिन एडोल्फ, स्टडी ग्रुप काउंसलर, आईटीयू ने अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार मानकों पर प्रारूप तैयार करने और आम सहमति प्राप्त करने की प्रक्रियाओं पर प्रकाश डाला।

समापन सत्र में आईटीयू क्षेत्र कार्यालय के वरिष्ठ सलाहकार आर शाक्य और एनटीआईपीआरआईटी के डीडीजी (आईसीटी) अतुल सिन्हा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह कार्यशाला भारत द्वारा 15 से 24 अक्टूबर, 2024 तक आयोजित की जाने वाली विश्व दूरसंचार मानकीकरण असेंबली  की तैयारी गतिविधियों का हिस्सा थी। यह आगामी डब्ल्यूटीएसए-2024 में भारतीय विशेषज्ञों की बढ़ती भागीदारी के लिए मंच तैयार करता है, जो वैश्विक दूरसंचार नीति के क्षेत्र में अग्रणी होने की भारत की प्रतिबद्धता दिखाता है।

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