स्कूल इमरजेंसी के लिए कितने तैयार…
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City24News@ भावना कौशिश
नई दिल्ली। स्कूलों में आई बम की कॉल एक भले ही झूठी हो, लेकिन ऐसी घटनाओं से सीखने का एक संदेश है। डीडीएमए के अधिकारियों के अनुसार, इस घटना के बाद कुछ सुधार की आवश्यकता है, क्योंकि कुछ कमियां भी सामने आई हैं। राजधानी में पहले भी अत्यधिक बारिश के कारण स्कूल बंद किए गए हैं, और भूकंप के मामले में भी स्कूलों को तैयार रहने की आवश्यकता है।
पैरेंट्स स्कूल न पहुंचने पर
सबसे बड़ा सबक जो इस घटना से मिला है वह यह कि पैरंट्स स्कूल न पहुंच पाएं तो स्थिति को किस तरह हैंडल किया जाए। अत्यधिक बारिश, पैरंट्स का ऑफिस से दूर होना, भूकंप का आ जाना ऐसी सिचुएशन में बच्चों को काफी समय तक स्कूल में रखना पड़ सकता है।
मेडिकल इंतजाम
ऐसे माहौल में बच्चों को घबराहट में हेल्थ इश्यू होने के चांस अधिक रहते हैं। इसलिए इमरजेंसी हालात के लिए स्कूलों में प्राथमिक जांच के पूरे इंतजाम रखें और पास के अस्पताल के लगातार संपर्क में रहें।
तैयार हों स्कूल
स्कूल में अलग-अलग एंट्री एग्जिट हो, स्कूलों में जहां जरूरत हो वहां स्ट्रक्चरल चेंज किए जाएं, सीसीटीवी से स्कूल के हर एरिया को कवर करें, स्कूल के ऐसे हिस्सों की पहचान करें जहां रोशनी कम रहती है या कम लोग आते जाते हैं,, स्कूलों में सेंट्रलाइज्ड अलार्म सिस्टम हो, इमरजेंसी के लिए अलग बेल हो, स्कूल का लेआउट प्लान हैंडी हो।