ज्यादा ठंड लगना अक्सर सामान्य नहीं है, हो सकता 

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City24News@ भावना कौशिश
नई दिल्ली । हाइपोथर्मिया एक इमरजेंसी मेडिकल कंडीशन है। यह तब होता है, जब आपका शरीर गर्मी पैदा करने की बजाए, तेजी से गर्मी खोने लगता है। यानी कि शरीर का तापमान गिरने लगता है और शरीर ठंडा पड़ने लगता है।आपके शरीर का तापमान 95 एफ से नीचे चला जाता है।

हाइपोथर्मिया क्या है

हाइपोथर्मिया एक मेडिकल शब्द है, जो शरीर की तापमान कम होने की स्थिति को दर्शाता है। हम सभी के शरीर का एक सामान्य तापमान होता है, जो कि कुछ हार्मोन द्वारा कंट्रोल किया जाता है। जब शरीर का तापमान, सामान्य तापमान के स्तर से अचानक से नीचे गिर जाता है, तो इस स्थिति को हाइपोथर्मिया कहा जाता है।

शरीर का तापमान क्या होता है

शरीर का सामान्य तापमान आपकी उम्र, लिंग और स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है। वैसे, हमारे शरीर का सामान्य शारीरिक तापमान 98.6 डिग्री फारेनहाइट से लेकर 100.4 डिग्री फारेनहाइट तक होता है।

हाइपोथर्मिया खतरा इन लोगों में ज्यादा होता है

हाइपोथर्मिया की समस्या वैसे तो किसी को भी हो सकती है, लेकिन बढ़ती उम्र, नवजात शिशु या किसी हार्मोनल समस्या से पीड़ित व्यक्ति में इसके होने के खतरे अधिक होते हैं। क्योंकि ऐसे लोगों में सामान्य शारीरिक तापमान को बनाए रखने की क्षमता कम हो जाती है। जो लोग डिप्रेशन और साइकोटिक दवाओं का सेवन करते हैं, उनमें भी यह समस्या देखी जा सकती है।

हाइपोथर्मिया के लक्षण

हाइपोथर्मिया होने पर मरीज में इस तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः

हाइपोथर्मिया के कारण आपको अधिक कंपन और थकान महसूस हो सकती है।ऐसा होने पर व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।इस स्थिति में मरीज को बोलने में भी काफी दिक्कत होती है।हाइपोथर्मिया की समस्या होने पर मरीज की मानसिक क्षमता प्रभावित होती है।(स्रोत: समाचार एजेंसी)

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