डाकघर में करोड़ों की ठगी केस में पत्नी अंशु कालड़ा भी गिरफ्तार
City24news@ अनिल मोहनियां
नूंह | डाकघर में हुए करोड़ों लोगों की ठगी होने के मामले में लगातार पुलिस कार्रवाई कर रही है। गत 10 अप्रैल को जहां ठगी के मुख्य आरोपी एजेंट पवन कालड़ा को पुलिस ने गिरफ्तार किया था,तो वहीं अब पुलिस ने उसकी पत्नी अंशु कालड़ा को भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने अंशु कालड़ा को सोमवार पलवल जिले से गिरफ्तार किया है। अंशु कालड़ा को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस नूंह लेकर पहुंची और फिर कोर्ट में पेश किया। वहीं कोर्ट ने अंशु कालड़ा को तीन दिन पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। नूंह डाकघर में किए गए घोटाले में दोनों पति पत्नी का हाथ है। पीड़ित लोगों ने बताया कि डाकखाना भारत सरकार की एजेंसी है और उन्होंने इस पर विश्वाास करके ही अपने लाखों रुपए जमा कराये थे, जिनको पवन कालडा व अन्य आरोपियों ने साजबाज होकर फर्जी हस्ताक्षर करके निकालकर गबन किया है। उन्होंने बताया कि पवन कालड़ा और अंशु कालड़ा के अलावा सहायक सुनील कुमार और डाकखाना अधिकारी-कर्मचारियों को भी गिरफ्तार किया जाए ताकि उनसे रिकवरी कर उनका आर्थिक नुकसान दूर हो सके।
पति एफडी का एजेंट,तो उसकी पत्नी आरडी की एजेंट
नूंह डाकघर में पवन कालड़ा एफडी का एजेंट था तो उसकी पत्नी अंशु कालड़ा आरडी की एजेंट थी। इन दोनों एजेंट के द्वारा फर्जी तरीके से लोगों की करोड़ों रुपए की जमापूंजी को निकाला गया था। जब लोगों को भनक लगी तो डाकघर में जाकर जांच पड़ताल की तो फर्जीवाड़े की सच्चाई का पता चला। इसके बाद पवन कालड़ा परिवार सहित फरार हो गया तो पीड़ितों ने मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए गत 10 अप्रैल को आरोपी पवन कालड़ा को गिरफ्तार कर लिया। जिसे पूछताछ के लिए 4 दिन पुलिस रिमांड पर लेने के बाद पवन कालड़ा को सोमवार को फिर से 3 दिन पुलिस रिमांड पर भेजा गया। पूछताछ के बाद पवन की पत्नी अंशु को भी मामले में संलिप्त होने पर गिरफ्तार कर लिया। जांच अधिकारी एसआई जुगल किशोर ने कहा कि पुलिस मामले की कार्रवाई में जुटी हुई है। आरोपी पवन कालड़ा की पत्नी अंशु कालड़ा को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करते हुए 3 दिन पुलिस रिमांड पर लिया गया है। इस मामले में पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। मामले में जिसकी भी संलिप्ता पाई गई उसे पुलिस गिरफ्तार करेगी।
करोड़ो के घोटाले के बाद पुलिस ने किया था केस दर्ज।
आरोपी पवन कालडा पुत्र हुकम चंद कालड़ा निवासी नूंह सामाजिक कार्य में बढ़ चढ़कर लेता था। जिससे लोगों का विश्वास उस पर पूरी तरह से जम गया। रेहड़ी पटरी लगाने, रिक्शा चलाने, चाय बेचने वाले के अलावा गरीब मजदूर, व्यापारी, नौकरीपेशा आदि करने वालों ने पवन कालडा के जरिए अपनी एफडी, आरडी वगैरा बनवाकर खाता खुलवाया हुआ था,लेकिन अब पता चला है कि पवन कालडा ने लोगों के पैसे देने बंद कर दिए हैं और सारा जमा राशि को फर्जी हस्ताक्षर कर निकालकर करोडों का गबन कर लिया है। जब यह बात लोगों तक पहुंची तो सैकड़ों लोगों ने डाकखाना में जाकर अपना रिकार्ड खंगाला तो उनके पैर तले जमीन खिसक गई। डाकघर में उनके खाते तक नहीं खुले पाए गए हैं। जिसके बाद पीड़ित लोगों ने पुलिस में जाकर आरोपी के खिलाफ शिकायत देकर शहर थाना में केस दर्ज कराया था। जिसके बाद पुलिस ने गत 10 अप्रैल को आरोपी पवन कालड़ा को गिरफ्तार किया था।
40–50 करोड़ रुपए की ठगी का अनुमान
पवन द्वारा करोडों रूपये बटोरकर भागने से उनके सभी सपने टूटने से उनके आगे दुखों का पहाड टूट गया है। बताया जा रहा है लोग करीब 15 वर्षों से पवन के पास पैसा जमा कर रहे थे। जिसमें करीब 2500 लोगों से 40 से 50 करोड़ रुपए ठगी का अनुमान लगाया जा रहा है। आरोपी की गिरफ्तारी के बाद ठगी के शिकार हुए लोगों को उनके पैसे मिलने की उम्मीद जगी है।