मिर्गी व बेहौशी के दौरे का उपचार करवा कर बिमारी को किया जा सकता है नियंत्रित

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-मरीजों के लिए सप्ताह में तीन दिन आयोजित होगा शिविर: डाॅ भार्गव
City24news/सुनील दीक्षित
कनीना | मिर्गी व बेहोशी के दौरे पर समय रहते नियंत्रित किया जा सकता है। इस बारे में एमडी मेडीसन व डीएम न्यूरोलाॅजी चिकित्सक डाॅ अभिषेक भार्गव ने कहा कि ’एपीलेप्सिी’ मिर्गी का उचित उपचार देकर उस पर काबू पाया जा सकता है। जिससे रोगी लंबी और स्वस्थ जिंदगी जी सकता है। एसएमएस अस्पताल जयपुर में कार्यरत डाॅ अभिषेक भार्गव ने आमजन को मिर्गी के अलावा सिरदर्द, माइग्रेन, लकवा, चक्कर आना, गर्दन व कमर मे दर्द होना, डिप्रेशन, यादाश्त में कमी, हाथ पैरों में झनझनाहट, नींद न आने, हाथ-पैरों में कम्पन,नसों की कमजोरी, मानसिक विकास के देरी तथा व्यवहार में परिवर्तन सम्बंधी बिमारियों को लेकर आमजन को जागरूक किया। उन्होंने कहा कि उनकी ओर से इन बिमारियों की रोकथाम के लिए सप्ताह में तीन दिन सोमवार,बुधवार व शुक्रवार को राधागोविंद चैम्बर में सांय पांच से सात बजे तक शिविर का आयोजन किया जाएगा। जिसमें उपरोक्त बिमारी से ग्रसित मरीजों की जांच कर परामर्श दिया जाएगा।
उन्होंने आमजन को बिमारी के लक्षण तथा बचाव की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ये मिर्गी की बिमारी चुनौतिपूर्ण है। परिवार, मित्र तथा चिकित्सक मिर्गी रोगी के मित्र हैं। ऐपीलेप्सी के कंलक को सामुहिक प्रयासों से मिटा सकते हैं। मिर्गी मस्तिष्क से जुडी एक न्यूरोलाॅजिकल स्थिति है जिसमें व्यक्ति को बार-बार दौरे पडते हैं। यह सभी उम्र,नस्ल तथा जातीय पृष्टभूमि के लोगों को प्रभावित करती है। मिर्गी के दौरे में चेतना खो जाना, असामान्य हरकतें,अजीबोगरीब भावनाएं व्यक्त होती हैं। यदि किसी व्यक्ति को उपरोक्त लक्षण दिखाई दे तो जल्द से जल्द अस्पताल में पंहुचकर उपचार करवाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में अधिकांश आबादी डिप्रेशन व हाईपर डिप्रेशन में जीवन व्यतीत कर रही है। जिसके कारण उनके स्वभाव में चिडचिडापन बना रहने नींद न आन तथा सहित बीपी-शूगर जैसी बिमारी घर बना लेती हैं। समय पर उचित उपचार लेने से रोगी मिर्गी को छोटा कर सकता है।

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