स्कूल बस हादसे के आरोपी चालक सहित प्रिंसीपल को किया एसडीजेएम कोर्ट में पेश
City24news@सुनील दीक्षित
कनीना | कोसली रोड स्थित जीएल स्कूल बस हादसे के आरोपी नशेडी चालक धमेंद्र वासी सेहलंग तथा जीएलपीएस स्कूल की प्राचार्या दीप्ती राव व जीएल शिक्षा समिति के सचिव होशियार सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर शुक्रवार को एसडीजेएम कोर्ट कनीना में पेश किया। पुलिस ने कोर्ट से उपरोक्त सभी आरोपियों के 5 दिन के रिमांड की मांग की जिसे कोर्ट ने मंजूर कर दिया। डीएसपी महेंद्र सिंह ने बताया कि रिमांड के दौरान आरोपियों से बस के कागजात,चालक का लाईसेंस,मोबाईल फोन पर हुई बातचीत की डिटेल,बस में सवार 3-4 अन्य शराबी व्यक्तियों की पहचान सहित विभिन्न पहलुओं की पडताल की जाएगी। उन्होंने बताया कि घायलों की हालत में सुधार हो रहा है। दो छात्रों को रेवाडी से गुरूग्राम रैफर किया गया है। ईधर कोर्ट में पेश करते समय बस चालक के चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी। प्रदेश के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद की ओर से जीएल स्कूल का कार्यभार एसडीएम को सौंपा है। अब एसडीएम होगें स्कूल के प्रशासक। डीसी व एसपी को सख्त एक्सन लेने को कहा।
स्कूल की 11 बसों वैधता खत्म
पुलिस व आरटीए अथोरिटी द्वारा खंगाले गए रिकार्ड के मुताबिक पिछले 21 वर्षों से ये स्कूल संचालित है जिसके चेयरमैन पूर्व नगरपालिका प्रधान एवं कष्ट निवारण समिति के सद्स्य राजेंद्र सिंह लोढा हैं मैनेजिंग डायरेक्टर इनके पुत्र सुभाष लोढा हैं। आरटीए सचिव की ओर से जीएल स्कूल की 12 बसों का ऑनलाईन रिकार्ड खंगाला गया तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। स्कूल के प्रिंसीपल के नाम संचालित इन बसों में से 7 बसें जिनके रजिस्ट्रेशन नम्बर एचआर 66 ए 3859, एचआर 66 ए 3860, एचआर 66 ए 6589,एचआर 66 ए 7514, एचआर 66 ए 7966, एचआर 66 ए 8532, एचआर 66 ए 8649 वर्ष 2018 में पूरी हो चुकी हैं जबकि दो बसें एचआर 66 8373 व 8374 व 2011 में आऊट हो चुकी थी। एक बस एचआर 66 9082 2012 तथा एक एचआर 34 ई 0171 2009 में पीयूसीसी पूरा कर गई। केवल मात्र एक बस एचआर 66 0458 है जिसके कागजात आगामी 11 मई 2024 तक बचे हुए हैं। हादसाग्रस्त बस का 2023 में भी चालान किया गया था। बिना फिटनेस वाली बसें सालों से नन्हें-मुन्नें बच्चों की जान से खिलवाड कर रही हैं। ऐसा एक नहीं प्रदेश में हजारों की संख्या में स्कूल हैं। उन स्कूलों की बसों के भी कमोबेस यहीं हालात मिलेगें।
जनता मांग रही इन सवालों के जवाब
हादसे से स्तब्ध जनता शिक्षा विभाग के अधिकारियों,आरटीए तथा जिला प्रशासन से निसुलझे सवालों के जवाब मांग रही है। अनिल शर्मा,अशोक कुमार ने सवाल उठाया कि कौन सी अथोरिटी थी जिसने सालों पूर्व फिटनेस से आऊट हो चुकी बसों की पासिंग की? क्या उन्होंने बस में अगिनशमन यंत्र,बस पर स्कूल का नाम व संपर्क व आपातकाल नम्बर देखे बिना ही पासिंग कर दी? बस में जीपीएस सिस्टम सहित गतिसीमा 50 किलोमीटर प्रति घंटा तय की?बस में एक अटेंडेंट तथा चालक के यूनिफोर्म में होने के निर्देश दिए? ऐसी बसों में सीसीटीवी कैमरे,फस्ट-ऐड बॉक्स भी लगे थे या नही? विद्यार्थियों की सुरक्षा मानक बस में अपनाए गए या नहीं? ऐसे तमाम सवालों के जवाब आमजन अधिकारियों से मांग रहे हैं। उनका कहना है कि जिस बस से छह घरों के मासूम चिराग बुझे हैं उस बस में शीशे के साथ लोहे की ग्रिल नहीं लगी थी। यदि ग्रिल लगी होती तो छात्र शीशे टूटने पर भी गिरकर बस के नीचे नहीं दबते। सुरक्षा मानक अपनाए जाते तो मासूम छात्रों की जान बचाई जा सकती थी।
कनीना के अस्पताल से रैफरल अस्पताल का लेबल हटाने की मांग
कनीना में करोडों रूपये की लागत से बनाए गए उप नागरिक अस्पताल में आपात सुविधाएं नहीं होने से रैफरल साबित हो रहा है। जिससे मरीजों की जान दांव पर लगी रहती है। बृहस्पतिवार को उन्हाणी के समीप घटित सडक़ हादसे में ऐसा ही प्रतीत हुआ। अस्पताल में ऑर्थो,सर्जन जैसे विशेष चिकित्सकों सहित यूएसजी,सीटी स्केन सहित बेहतर उपकरण होते तो गंभीर रूप से घायल विद्यार्थियों की जान भी बचाई जा सकती थी। मोर्चरी हाऊस भी यहां शुरू कर दिया गया होता तो शव विच्छेदन करने में समय की बचत होती लिहाजा देर सांय उनका अंतिम संस्कार नहीं होता। दुर्भागय की बात है कि कनीना के इस मल्टीस्टोरी अस्पताल में खांसी,बुखार,जुकाम,बीपी,शूगर की बिमारी से पीडित मरीजों को मैडीसन दे दी जाती है,इससे अधिक एवं क्रीटीकल पोजिसन वाले मरीजों के आने पर चिकित्सक उन्हें केवल मात्र प्राथमिक उपचार देकर हायर सैंटर के लिए रैफर कर देते हैं। इसके अलावा उनके पास भी कोई व्यवस्था नहीं होती। प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह इस भवन में विशेषज्ञों सहित अतिआधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए। जिससे गंभीर बिमारी से पीडित मरीजों एवं आपात स्थिति के मरीजों का शीघ्रता से उपचार शुरू किया जा सके। साथ ही रैफरल अस्पताल के कलंक से भी छुटकारा मिल सके।
घटना पर राज्य सभा संासद दीपेंद्र हुड्डा,राधेश्याम शर्मा, पूर्व कबिना मंत्री किरण चौधरी,पूर्व सांसद श्रुति चौधरी, महेंद्रगढ के विधायक राव दानसिंह, पूर्व सीपीएस अनिता यादव, पूर्व मंत्री राव नरेंद्र सिंह, जगदीश यादव, डॉ. लालचंद जोशी, डॉ. हिम्मत यादव, राधेश्याम गोमला, जांगिड सभा के जिला अध्यक्ष अशोक कुमार पैकेन,नरेंद्र झिमरिया,सुनिता वर्मा,गौड सभा के प्रधान रविंद्र कौशिक ,सुनिता झाडली ने शोक जताया है।
खेेडी के अनु ने स्कूल में फोन कर किया था हादसे के प्रति आगाह
उन्हाणी के समीप घटित स्कूल बस हादसे से पूर्व ये बस जब खेडी पंहुची थी तो चालक धर्मेंद्र ने एक बाईक सवार युवक अनु को भी टक्कर मारने का प्रयास किया था। अनु ने इस चालक की शिकायत जीएल स्कूल शिक्षा समिति को की थी। स्कूल प्रबंधन ने उनकी बात को अनसुना कर दिया। इस घटना के आधे घंटे बाद ही हादसा हो गया।