किसानों की अधिग्रहण की गई 1600 एकड़़ जमीन के बकाया मुआवजे को लेकर
City24news/अनिल मोहनियां
नूंह| जिला के आईएमटी रोजकामेव के लिए 9 गांवों के किसानों की अधिग्रहण की गई 1600 एकड़़ जमीन के बकाया मुआवजे को लेकर बीते फरवरी माह से किसान बैठे हुए हैं। किसानों की मांग पर अभी तक प्रदेश सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है। इससे नाराज किसान अब ईद के पर्व पर होने वाली नमाज को हाथों पर काली पट्टी बांधकर अता करेंगे। इसके बाद किसानों द्वारा आईएमटी रोजका मेव में विशाल महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। इस महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत, रवि आजाद सहित अन्य नेता शिरकत करेंगे। सोमवार को किसानों के धरना स्थल पर बैठे किसानों ने बताया कि गांव धीरधौका में उनका अनिश्चितकालीन धरना फरवरी माह से जारी है। लेकिन अभी तक किसानों की कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने बताया कि पिछली कांग्रेस सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया था। उस समय कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उनको दिल्ली बुलाकर फटकार लगाई थी जोकि अभी तक उनके जहन में हैं अब भाजपा सरकार भी कांग्रेस के पदचिन्हों पर चल रही हैं। किसानों की कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। बता दें कि वर्ष 2010 में आईएमटी रोजकामेव के लिए 1600 एकड़ अधिग्रहण की जमीन की गई थी। आईएमटी रोजकामेव के लिए 9 गांव खेड़ली कंकर, मेहरोला, बडेलाकी, कंवरसीका, रोजकामेव, धीरधुका, रूपाहेड़ी, खोड (बहादरी) और रेवासन के किसान अनिश्चितकालीन धरना पर है। किसान कमेटी के सदस्य हाफिज सिराजुद्दीन ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती धरना जारी रहेगा। उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है। उनकी मुख्य मांगों में फरीदाबाद के चंदावली गांव की तर्ज पर मुआवजा दिया जाए। किसानों को प्लाट दी जाए। आईएमटी सोहना की जगह नाम को आईएमटी रोजका मेव लिखा जाएा। उन्होंने कहा कि अब समय आ चुका हैं ईद के बाद वह पूरी तरह से सडक़ों पर उतरकर प्रदर्शन करने को मजौूर हो जाएंगे। उन्होंने मांग की एक देश एक प्रदेश के बावजूद उनके यहां पर किसानों की अधिग्रहण जमीन का पूरा मुआवजा नहीं दिया गया। जबकि प्रदेश के अन्य जगहों पर मुआवजा करोड़ों में दिया गया था। अब सरकार के खिलाफ मांग पूरी नहीं करने पर आरपार की लड़ाई की जाएगी। इसके लिए सभी नौ गांवों में जाकर संपर्क किया जा रहा है। जल्द ही वह बड़ा फैसला लेंगे। इस मौके पर मुख्य रूप से कंकर खेड़ी गांव से हाजी वली, हाजी चावखां, धीरधौका गांव से हाजी हमीद, हाजी मजीद, हाजी समशू, महरौला गांव से जाहिद सरपंच, हाजी जुहरू, जम्मल सरपंच, सूका उर्फ शेरमोहम्मद व हाजी हासम, रोजका मेव गांव से हाजी जस्सू, इरफान, हाजी तन्नी व खुर्शीद, रूपाहेड़ी गांव से दीनमोहम्मद नंबरदार, हाजी बसीर, मास्टर भागू, रेवासन गांव से हाजी उमरला, हाजी हैदर, बसई गांव से हाजी जानू, हाजी रफीक, खोड़ गांव से फकरू, जानमोहम्मद, कंवरसिका गांव से आसिफ, जमशेद, कल्लू, बड़ेलाकी गांव से मुकील, जमशेद, हाजी हसन, हाजी नल्ली सहित अन्य सैंकड़ों ग्रामीण किसान मौजूद रहे।