बाल विवाह मुक्त भारत बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाया जा रहा है

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City24news/अनिल मोहनिया
नूंह । नूंह जिले में शक्ति वाहिनी और एमडीडी संस्था के संयुक्त तत्वाधान में नूंह जिले के गांव – गांव जाकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही बाल विवाह को रोकने का काम भी किया जा रहा है। भारत सरकार ने गत 27 नवंबर 2024 को नई दिल्ली विज्ञान भवन में बाल विवाह के खिलाफ “बाल विवाह मुक्त भारत” अभियान की शुरुआत की थी। देश भर के तकरीबन 400 जिलों में संस्थाओं के द्वारा बाल विवाह पर रोक लगाने के लिए काम किया जा रहा है। हरियाणा के 10 जिलों में शक्ति वाहिनी और एमडीडी संस्था के संयुक्त प्रयास से यह काम किया जा रहा है। मधु जैन जिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी ने बताया कि उनके पास इस साल 2024 में तकरीबन 18 शिकायतें बाल विवाह की आई थी। जिनमें से तीन मामलों में एफआईआर दर्ज कराई गई और एक मामले में पॉक्सो एक्ट इत्यादि की धाराएं भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि पहले के मुकाबले लोग अब जागरुक हो रहे हैं, लेकिन अभी भी बाल विवाह की शिकायतें उन्हें आती रहती हैं। इसलिए बाल विवाह को रोकने के लिए समाज का सहयोग जरूरी है। सुरेंद्र रावत शक्ति वाहिनी पदाधिकारी ने कहा कि उनके पास शिकायत देर से आती है। जब शादी का दिन होता है। अक्सर उसी दिन शिकायत आती है। तब तक लड़का और लड़की दोनों पक्ष के लोगों का लाखों रुपए खर्च खाना इत्यादि सामान में हो जाता है। डीएसपी सुरेंद्र किन्हा ने कहा कि पुलिस संस्था की तुरंत मदद के लिए तैयार रहती है। पुलिस की मदद से ही नाबालिग बच्चों की शादियां रूकवाई जा रही हैं और भविष्य में भी पुलिस का सहयोग मिलता रहेगा। कुल मिलाकर बाल विवाह रोकने के लिए टीम पूरी तरह से फील्ड में उतरी हुई है। उन्होंने कहा कि लड़की की उम्र 18 तथा लड़के की उम्र 21 साल होनी चाहिए। अगर इसके बावजूद भी कोई शादी करवाता है तो 2 साल की सजा और 1 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। इसके अलावा शादी में पुजारी, मौलवी, टेंट, हलवाई, फोटोग्राफर इत्यादि की भूमिका निभाने वाले लोगों पर भी कार्रवाई हो सकती है। लिहाजा बाल विवाह रोकथाम बेहद जरूरी है। कम उम्र में शादी होने से स्वास्थ्य पर इसका बुरा असर पड़ता है, इसलिए भारत सरकार “बाल विवाह मुक्त भारत” अभियान को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए कड़े प्रयास कर रही है। गांव – गांव जाकर संस्था के पदाधिकारी द्वारा नाबालिग बच्चों की शादी नहीं कराए जाने को लेकर शपथ भी दिलाई जा रही है। इसके प्रचार – प्रसार के वीडियो एप पर भेजे जा रहे हैं ताकि पूरे मामले पर केंद्र सरकार निगरानी रख सके।

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