समस्याओं का दूसरा नाम है नगीना: रजत 

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City24news@अनिल मोहनियां

नूंह | नगीना में करोड़ो की धनराशि खर्च कर विकास कार्य करने का दावा सरकार व प्रशासन करता हो, लेकिन नगीना विकास से दूर है।नगीना में समस्याएं कम होने की बजाय दिनोंदिन बढ़ती नजर आ रही है ।जिसकी वजह से नगीना की चमक धूमिल होती नजर आ रही है।नगीना अब नगीना जैसा नहीं रहा ।नगीना में अनेक समस्याएं होने की वजह से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। नगीना की समस्याओं ओर मुख्य मांगो को लेकर सर्व जातीय सेवा समिति के उपाध्यक्ष व समाजसेवी रजत जैन से सवांददाता की बातचीत कौन कौन सी मांगे अधूरी है रजत जैन का क्या कहना है

  मांगे नहीं हुई पूरी : रजत जैन के अनुसार नगीना की दशकों पुरानी मांग है अब तक पूरी नहीं हुई है जिनमें मुख्य मांगे नगीना उप तहसील का दर्जा बढ़ाकर तहसील बनाना, खजाना की स्थापना करना,प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा बढ़ाकर सामुदायिक केंद्र बनाना, बस अड्डा बनाना, जन स्वास्थ्य विभाग का कार्यालय खोलना, सरकारी खाद्य बीज वितरण केंद्र की स्थापना, महाविद्यालय में ला एवं बीएड की कक्षाएं शुरू करना ,जल शोधन सयंत्र,कूड़ा निस्तारण केंद्र,सार्वजनिक उपवन, योगशाला,नगीना तिजारा मार्ग,बनाना आदि के केंद्र व  विभागों के कार्यालय ना होने की वजह से नगीना विकास की दौड़ में पिछड़ रहा है ।वही पानी बिजली गंदगी अतिक्रमण जैसी समस्याओं से भी जूझ रहा है। बैंकों की शाखाएं भी नगीना में कम है सरकार को ओर अन्य राष्ट्रीयकृत बैंकों की शाखाएं नगीना में स्थापित करनी चाहिए। जिससे की जनता को सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का पूरा लाभ आसानी से मिल सकें। डाकखाना में भी सुविधाओं की कमी है।

बदहाल यातायात व्यवस्था: रजत ने बताया की नगीना में यातायात संसाधनों का अभाव होने की वजह से नगीना व्यापारिक दृष्टि से भी काफी पिछड़ गया है। सरकार व प्रशासन की ओर से इस पर कोई विशेष ध्यान ना देने, ठोस योजना न होना व कार्यवाही ना करने की वजह से आज तक भी नगीना में बस अड्डा का निर्माण नहीं हो पाया है।ये बड़े चिन्ता का विषय है की मात्र वादों और दावों से आगे योजना नहीं बढ़ पाई है ।बल्कि अंबाला, यमुनानगर, चंडीगढ़, अलवर आदि अनेक स्थानों की सीधी बस सेवा भी नगीना से बंद की जा चुकी है।

महिला सुरक्षा चिंता का विशेष विषय :- रजत जैन ने बताया की महिला सुरक्षा को लेकर सरकार व प्रशासन गंभीर नहीं है कई बार नगीना में सीसीटीवी कैमरा लगाने की मांग की जा चुकी है।लेकिन आज तक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाए गए हैं ।सार्वजनिक स्ट्रीट लाइटों का भी अभाव है प्रशासन व पंचायत ने कुछ समय पूर्व कुछ लाइटें लगवाई वह भी निजी मालिको  के घरों व दुकानों पर लगाकर मामले में खानापूर्ति कर दी गई ।ये लाईट भी उन मालिकों की दयादृष्टि पर ही निर्भर है की कब जलेगी कब बुझेगी।जिसकी वजह से अक्सर रात को रास्तो व गलियों में अंधेरा व्याप्त रहता है ।कस्बा में एक भी सार्वजनिक सुलभ शौचालय ना होने की वजह से जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है । विशेषकर महिलाओं को विशेष मानसिक परेशानी व शर्मिंदगी का सामना करना पडता है।यहां तक की पंचायत भवन में भी शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है।

   पानी बिजली की समस्या:जैन ने बताया की कस्बा में पानी वितरण प्रणाली की व्यवस्था दुरुस्त ना होने की वजह से अक्सर पानी की समस्या विकराल रूप धारण किए रहती है। बिजली के तार व केबल  जर्जर स्थिति में होने की वजह से आए दिन क्षतिग्रस्त होते रहते हैं। जिसकी वजह से अक्सर घंटों बिजली गुल रहती है ।इसके अलावा अघोषित कटों की वजह से भी बिजली गुल हो जाती है।

   सफाई व्यवस्था व अतिक्रमण की समस्या: रजत ने बताया सफाई व्यवस्था नियमित व दुरुस्त ना होने की वजह से  जगह जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं नालियों की गंदगी की निकासी ना होने की वजह से गंदा पानी सड़कों पर बहता रहता है। अतिक्रमण ने भी अपना विकराल रूप धारण किया हुआ है अतिक्रमण गंदगी की वजह से राहगीरों को आवाजाही में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है ।कई बार तो उनकी वजह से मरीज के साथ एंबुलेंस भी जाम में फंस जाती है जिसकी वजह से मरीज की जान को भी खतरा उत्पन्न हो जाता है ।रास्तों के अलावा कई सरकारी भवन, सरकारी, व धार्मिक जमीनों पर भी अतिक्रमण की समस्या से अछूते नहीं है।

    शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओ की कमी :उपाध्यक्ष रजत जैन कहा की कहने को तो नगीना में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पशु चिकित्सालय है लेकिन उनमें मूलभूत सुविधाओं की कमी के साथ-साथ कर्मचारियों का भी टोटा  है जिसकी वजह से जनता को स्वास्थ्य सेवाओं का पूरा लाभ नहीं मिल पाता है।नगीना में राजकीय प्राथमिक पाठशाला से लेकर महाविद्यालय तक है लेकिन इनमें कई कर्मचारियों तो कहीं शिक्षकों के पद रिक्त होने की वजह से  शिक्षा ग्रहण कर रहे। विद्यार्थियों को उचित समय पर उचित मार्गदर्शन व शिक्षा नहीं मिल पाती है।इसके अलावा भी कई कोर्स भी शिक्षण संस्थानों में उपलब्ध ना होने की वजह से शिक्षा ग्रहण करने के इच्छुक बालक बालिकाओं को मन मसोसकर रहना पड़ता है। कस्बे में कई आंगनवाड़ी केंद्रों को तो आज तक भी अपने भवन उपलब्ध नहीं हो पाए हैं।जिसकी वजह से वो किराये के भवनों में चल रहे हैं। 

पार्किंग की व्यवस्था नहीं:कस्बा में वाहनों को उचित पार्किग की कोई व्यवस्था ना होने की वजह से वाहन चालक परिचालक वाहनों को बीच रास्तो में आड़े तिरछे खड़े कर देते हैं जिसकी वजह से भी अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है।आखिर जनता की मांगे कब पूरी होगी और कब समस्याओं से छुटकारा मिलेगी। ये प्रश्न आज चिंता व चिंतन का विषय जनमानस के मन में बना हुआ है।

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