मौसम विज्ञान विभाग ने की हरियाणा में भीषण गर्मी की चेतावनी जारी :- उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा
उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा ने जिला वासियों से की गर्मी में लू से बचने की अपील
City24news/अनिल मोहनीया
नूंह| उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा ने कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 18 से 20 मई तक हरियाणा में भीषण गर्मी की चेतावनी जारी की है। ग्रीष्म ऋतु के मौसम में तापमान में वृद्धि के चलते भीषण गर्मी पडऩे तथा नागरिकों को लू लगने की संभावना है, जिससे आम जन जीवन व स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। उपायुक्त ने जिला वासियों से आवश्यक सुरक्षात्मक उपाय करने की अपील की है। धीरेंद्र खडग़टा ने कहा कि जिला में लगातार मौसम परिवर्तन के बाद अब तेज धूप एवं गर्मी प्रारंभ हो गया है जिसके कारण लू लगने की संभावना बढ़ गई है। सूर्य की तेज गर्मी के दुष्प्रभाव से शरीर के तापमान में विपरीत प्रभाव पड़ता है। जिसके कारण शरीर का तापमान अनियंत्रित होकर अत्यधिक बढ़ जाता है, जिससे शरीर में पानी और खनिज लवण नमक की कमी हो जाती है, इस स्थिति को लू लगना या हीट-स्ट्रोक कहा जाता है। लोग अपने साथ पर्याप्त मात्रा में पानी एवं पेय पदार्थ लेकर चलें और निर्जलीकरण के शिकार होने से बचें। लू लगने पर उपचार न मिलने के कारण मरीज की हालात गंभीर हो जाती है। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल सहित समस्त सामुदायिक, प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों को लू से बचाव एवं उपचार हेतु पर्याप्त मात्रा में आवश्यक जीवन रक्षक दवाईयां एवं ओ. आर. एस. की उपलब्धता सुनिश्चित कर मरीजों का उपचार करने को कहा गया है और लू लगने के लक्षण के कारण और बचाव के उपायों के संबंध में स्वास्थ्य जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अगर ओ.आर.एस. न हो तो घर पर ही एक गिलास पानी में एक चम्मच शक्कर व एक चुटकी नमक मिलाकर जीवन रक्षक घोल तैयार किया जा सकता है। लू लगना या हीट-स्ट्रोक, खतरनाक एवं जानलेवा भी हो सकता है।
लू के लक्षण :- उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा ने कहा कि सिर में भारीपन और दर्द, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर और उल्टी आना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना, शरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीने का न आना, अधिक प्यास लगना भूख न लगना बेहोश होना।
लू से बचने के उपाय :- उपायुक्त ने कहा कि धूप में निकलने से पहले सिर व कानों को कपड़े से अच्छी तरह से बांध लें। पानी अधिक मात्रा में पियें। अधिक समय तक धूप में न रहे। गर्मी के दौरान मुलायम सूती कपड़े पहने
ताकि हवा और कपड़े पसीने को सोखते रहे। अधिक पसीना आने की स्थिति में ओ.आर.एस. घोल पिये। चक्कर, उल्टी आने पर छायादार स्थान पर विश्राम करें। शीतल पेय जल पिये, फल का रस, लस्सी, मठा आदि का सेवन करें। उल्टी, सर दर्द, तेज बुखार की दशा में निकट के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केन्द्र से जरूरी सलाह ले।
लू लगने पर किया जाने वाला प्रारंभिक उपचार :- धीरेंद्र खडग़टा ने कहा कि बुखार से पीडि़त व्यक्ति के सर पर ठंडे पानी की पट्टी लगायें, कच्चे आम का पना, जलजीरा आदि, पीडि़त व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लेटायें, शरीर पर ठंडे पानी का छिडक़ाव करते रहें, पीडि़त व्यक्ति को शीघ्र ही किसी नजदीकी चिकित्सा केन्द्र में उपचार हेतु ले जायें, आंगनबाड़ी मितानिन तथा ए.एन.एम. से ओ. आर. एस. की पैकेट के लिए संपर्क करें।
क्या करें-
उपायुक्त ने कहा कि पानी पीये भले ही प्यास न लगे, मिर्गी या हृदय, गुर्दे या लीवर से संभावित रोग वाले जो तरल प्रतिबंधित आहार लेते हो या जिनको द्रव्य प्रतिधारण की समस्या है, उनको तरल सेवन बढ़ाने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। अपने आप को हाइड्रेटेड रखने के लिए ओआरएस घोल, घर के बने पेय जैसे- लस्सी, नींबू का पानी,छाछ आदि का सेवन करें।