त्यौहार नजदीक आने पर सक्रिय नहीं हो रहा फूड सेफ्टी विभाग, घेवर खाकर आधा दर्जन बच्चे हुए बीमार

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दुकान पर जाकर लोगों ने किया हंगामा, तो पुलिस और फूड एंड सेफ्टी विभाग ने मौके से लिया सैम्पल
City24news/कविता गौड़
फरीदाबाद। दीपावली और रक्षाबंधन जैसे त्योहारों में मिलावटी मिठाई तैयार करने के लिए यह लोग करीब दो महीने पहले से जुट जाते हैं। मिठाई में इस्तेमाल किये जाने वाले खोये की बड़ी खेप उत्तरप्रदेश और आसपास के जिलों से यहां आनी शुरू हो जाती है। सीमाओं के अलावा शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर पुलिस की चौकसी रहने के बावजूद मिलावटी खोया, पनीर और अन्य चीजें मिलावट खोरों के ठिकानों तक कैसे आसानी से पहुंच जाती है, यह सभी की समझ से दूर है। पुलिस की तरफ से एक आध बार ही इन मिलावटी चीजों को रास्ते में पकड़ा जाता है। वहीं दूसरी तरफ सरकार ने खाद्य सामाग्री में मिलावट करने वालों की लगाम कसने के लिए अलग से फूड सेफ्टी आॅथोरिटी का गठन किया था। लेकिन यह विभाग दीपावली अथवा अन्य त्योहार नजदीक आने के बाद ही नींद से जागता है। लेकिन इस बार विभाग की नींद ही नहीं खुली, जिसके कारण तिगांव इलाके में एक दुकान का घेवर खाकर आधा दर्जन से अधिक बच्चे बीमार हो गए। जिस पर मुकेश मिष्ठान भंडार नामक दुकान पर लोगों ने हंगामा कर दिया। पुलिस को सूचना मिली, तो वह भी मौके पर पहुंच गई। जिस पर फूड एवं सेफ्टी विभाग ने जांच के लिए घेवर का सैम्पल जांच के लिए भरा है।

अंतिम समय पर लेते हैं सैम्पल:

दिवाली और आसपास पड़ने वाले त्यौहारों को लेकर मिलावट खोर कई महीने पहले ही सक्रिय हो जाते हैं। जिले की आबादी को देखते हुए दो तीन महीने पहले यहां खोया और अन्य मिलावटी चीजों की भारी खेप पहुंचने के बाद मिठाईयां बननी शुरू हो जाती है। लेकिन जिला फूड सेफ्टी आॅथोरिटी के अधिकारी जानबूझ कर ऐन वö पर नींद से जागते हैं। दिवाली से चंद दिन पहले मिठाई और अन्य चीजों के सैम्पल लिए जाते हैं। इस साल भी विभाग का यहीं हाल रहा है। विभाग ने रक्षाबंधन और हरियाली तीज पर सैम्पलिंग नहीं की। जिस कारण तिगांव इलाके में मौजूद मुकेश मिष्ठान भंडार पर बिक रहे मिलावटी घेवर को खाकर आधा दर्जन से अधिक बच्चे बीमार हो गए। हंगामा होने पर मंगलवार को रक्षाबंधन के बाद फूड डिपार्टमेंट ने सैम्पल भरा।

कैसे पहुंचती है मिलावटी चीजें:

मिलावट खोर त्योहारों से करीब दो से तीन महीने पहले ही सक्रिय हो जाते हैं। जिले में तो मिलावटी खोया तैयार करते ही हैं, साथ ही बड़े पैमाने पर खोया उत्तरप्रदेश, पलवल, मेवात और अन्य जिलों से यहां लाया जाता है। भारी मात्रा में खोया और अन्य मिलावटी चीजें बिना किसी रोकटोक के मुनाफा खोरों तक पहुंच जाती हैं। जबकि जिले की सीमाओं के साथ सभी चौक चौराहों पर पुलिस कर्मचारी तैनात रहते हैं। वहीं आवकारी एवं काराधान विभाग की गाड़ियां भी इधर से उधर घूमती रहती है। लेकिन इसके बावजूद मिलावटी खोया और अन्य सामाग्री से भरी गाड़ियां किसी को नजर नहीं आती। त्योहारों के अलावा आम दिनों में भी शहर में बड़े पैमाने पर मिलावटी पनीर और अन्य चीजें आसानी से पहुंच जाती है। जिन्हें दुकानदार बेच कर लोगों के स्वास्थ्य के साथ सरेआम खिलवाड़ कर रहे हैं।

नहीं होती कार्रवाई:

सीएम फ्लाइंग स्क्वॉड की टीम ने नवंबर 2020 को कुछ मसाले के सैम्पल लेकर फूड सेफ्टी के अधिकारी को जांच के लिए दिए थे। अधिकारी ने लापरवाही बरतते हुए इन सैम्पलों को जांच को भेजने की बजाए अपनी निजी गाड़ी में रखकर छोड़ दिया। यह बात सीएम फ्लाइंग के संज्ञान में आने पर संबंधित अधिकारी ने आनन फानन में सैम्पल एक दिसंबर को जांच के लिए भेज दिए। सीएम फ्लाइंग ने इस अधिकारी का बयान तो ले लिया था। लेकिन आगे की कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसी कड़ी में सीएम फ्लाइंग द्वारा बल्लभगढ़ में करीब 5200 किलोग्राम मिलावटी देशी घी की खेप पकड़ी गई थी। लेकिन उस समय फूड सेफ्टी में तैनात इसी अधिकारी ने मिलावटी घी गायब कर दिया। इस अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला तो दर्ज किया गया है। लेकिन इसकी गिरफ्तारी आज तक नहीं हुई। वहीं मंगलवार को भी फूड विभााग ने लोगों के हंगामें के बाद सैम्पल तो जांच के लिए ले लिया, लेकिन उस पर एक्शन कब होगा, यह कोई नहीं जनता।

लोगों का कथन: मंहगी मिठाई लेकर गए थे, त्योहार पर, जहां जहां मिठाई भेजी है, वह सभी बीमार है। महंगा मिला, लेकिन बीमार हो गए, तो दुकान पर आए है। शिकायत करने पर पानी में खोया बहा दिया दुकानदार ने। यह बात मौके पर हंगमा कर रहे लोगों ने कही। उन्होंने बताया कि सरपंच को जब बताया, तो सरपंच के पहुंचने पर उन्होंने खोये को तलाब पर बहा दिया। रात को करीब डेढ़ से दो बजे के बीच बच्चों की तबीयत बिगडनी शुरू हो गई। लोग बीमार हो गए है, लेकिन कुछ का व्रत होने के कारण लोग बच गए। वहीं लोगों ने बताया कि लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन होने के बाद भी गांव में मिलावटी घेबर खाकर लोग बीमार हो गए। लोगों ने बताया कि उनके परिजन फूड पोइजनिंग के शिकार हो गए है।

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