निर्वाचन आयोग का बुजुर्ग मतदाताओं के घरों तक पहुंचने का अतिरिक्त प्रयास

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City24News@ भावना कौशिश
नई दिल्ली।  भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने लोकसभा चुनाव 2024 में बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के लिए घर पर मतदान की सुविधा प्रदान की है। 85 साल से अधिक आयु वाले और 40% से अधिक दिव्यांगता वाले दिव्यांगजनों को यह विकल्प उपलब्ध है। इस श्रेणी के मतदाताओं ने पहले और दूसरे चरण के मतदान के लिए अपना वोट डालना शुरू कर दिया है। यह पहल लोकतांत्रिक भागीदारी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण है। देश भर में 81 लाख से अधिक 85+ वृद्ध मतदाता और 90 लाख से अधिक दिव्यांग मतदाता पंजीकृत हैं।

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मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और डॉ. सुखबीर सिंह संधू के साथ घोषणा की थी कि बुजुर्गों और दिव्यांगों को घर पर मतदान की सुविधा देकर यह आयोग की उनके प्रति चिंता और सम्मान की अभिव्यक्ति है। उन्‍होंने उम्मीद व्यक्त की कि यह लोगों को दैनिक जीवन में इसे अपनाने के लिए प्रोत्‍साहित करेगा। पहले चरण के मतदान में घर पर मतदान की सुविधा का लाभ उठाने वाले मतदाताओं ने ईसीआई की पहल के लिए आभार और संतोष व्यक्त किया है। मतदान कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मियों के पूरे दल की भागीदारी से घर से मतदान होता है और पूरी मेहनत के साथ मतदान की गोपनीयता बनाकर रखी जाती है। इसके साथ, ईसीआई ने अधिक न्यायसंगत और अपना प्रतिनिधि चुनने की लोकतांत्रिक सुविधा की दिशा में एक और निर्णायक कदम उठाया है, जहां शारीरिक सीमाओं या उम्र की परवाह किए बिना प्रत्येक नागरिक की आवाज मायने रखती है।

राजस्थान के चुरू में एक ही परिवार के आठ दिव्यांग मतदाताओं ने भारत के चुनावी लोकतंत्र की ताकत पर जोर देते हुए घर से मतदान करने की सुविधा का प्रयोग किया। छत्तीसगढ़ में, बस्तर और सुकमा आदिवासी जिलों की 87 वर्षीय इंदुमती पांडे और 86 वर्षीय सोनमती बघेल ने घर पर डाक मतपत्र का उपयोग करके अपने मताधिकार का प्रयोग किया और इस सुविधा के लिए चुनाव आयोग के प्रति आभार व्यक्त किया। महाराष्ट्र में, ईसीआई मतदान टीमों ने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र गढ़चिरौली जिले के सिरोंचा शहर में दो बुजुर्ग मतदाताओं को घर पर मतदान की सुविधा प्रदान करने के लिए 107 किलोमीटर की यात्रा की।

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