डीईओ ने निजी स्कूल बसों के इंस्पेक्सन आदेश किए निरस्त

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City24news@सुनील दीक्षित
कनीना | दादरी सडक मार्ग पर उन्हाणी के समीप बीती 11 अप्रैल को घटित स्कूल बस हादसे में अकाल मौत के मुंह में समाए 6 विद्यार्थियों की मौत के बाद हरकत में आई सरकार ने बसों की फिटनेस जांच सहित चालक-परिचालक के दस्तावजों को लेकर विभिन्न विभागों को आदेश जारी किए थे। उन्हें शिक्षा विभाग की ओर से निरस्त कर दिया गया है। जांच के दौरान स्कूली बसों में कमी पाए जाने पर बसों के चालान तथा इंपाऊड करने को कहा गया था। जिसके चलते परिवहन,पुलिस एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने पहले ही झटके में प्रदेशभर के स्कूलों की बसों की जांच की गई ओर सैकडों बसों को जब्त करने के साथ-साथ सैकडों बसों के चालान भी किए गए थे। जिससे व्यवस्था में सुधार माना गया। अब सरकार की ओर से इस अभियान को पूर्णविराम देते हुए निजी स्कूली वाहनों के जांच आदेशों को निरस्त करने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से पत्र जारी किया गया है। इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी नारनौल की ओर से बीती 19 अप्रैल को जारी पत्र क्रमांक स्टेनो-2024, 358-62 में जिले के सभी खंड शिक्षा अधिकारियों, खंड संसाधन संयोजक को निजी विद्यालयों के वाहनों के इंस्पेक्सन आदेशों को निरस्त करने के लिए कहा गया है। पत्र में कहा गया है कि 11 अप्रैल को विद्यालय की बस दुर्घटनाग्रस्त होने पर डब्ल्यू-एसीएस की ओर से 12 अप्रैल को वीडियो कांफ्रेंस के उपरांत डीईओ कार्यालय की ओर से पत्र क्रमांक स्टेनों 2024-345-54 दिनांक 12 अप्रैल के तहत निजी विद्यालयों के वाहन,चालक एवं परिचालक के सभी दस्तावेजों के निरीक्षण करने के आदेश जारी किए थे। 15 अप्रैल को शिक्षा निदेशालय अधिकारिक वाट्स अप ग्रुप से संज्ञान में आया कि प्रदेश के कुछ जिला एवं खंड शिक्षा अधिकारियों द्वारा स्कूल बसों के चालान किए जा रहे हैं जो उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता। 16 अप्रैल को भी शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए। डीईओ नारनौल की ओर से 12 अप्रैल को जारी किए आदेशों को निरस्त कर दिया है। उसके बाद निजी स्कूल संचालकों ने राहत की सांस ली है। घटना के बाद निजी स्कूल संचालक चालक-परिचालक को रिफ्रे शर कोर्स आयोजित कर जिम्मेवारी तथा संवेदनशीलता का पाठ पढा रहे हैं।

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