डाकघर घोटाले में पकड़े गए पवन कालरा से रिकवरी व गजेन्द्र की गिरफ्तारी की मांग

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City24news@ अनिल मोहनियां

नूंह | डाकखाना एजेंट पवन कालडा, उसकी पत्नी अंशु कालडा, सहायक सुनील कुमार के अलावा डाकखाना अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा नूंह शहर वासियों के आरडी,एफडी के नाम पर करोड़ों रूपये के हुए फर्जीवाडे व मामलें में दर्ज मुकदमा में पुलिस द्वारा केवल एक आरोपी को पकडने व अन्य आरोपियांे को राहत देने पर पीडित उपभोक्ताओं के गुस्से में उबाल आ गया और सोमवार सांय नूंह मंे पत्रकारवार्ता करते हुए जानकारी दी कि पुलिस को जल्द से जल्द आरोपी अंशु कालडा सहित अन्य आरोपियों को दबौचकर उनसे रिकवरी की जाये ताकि उनका आर्थिक नुकसान दूर हो सके। उन्होंने बताया कि डाकखाना भारत सरकार की एजेंसी है और उन्होंने इस पर विश्वाास करके ही अपने लाखों रूप्ये जमा कराये हैं जिनको पवन कालडा व अन्य दोषियान आपस में साजबाज होकर फर्जी हस्ताक्षर करके निकालकर गबन कर गये हैं।  

 बता दें कि, पवन कालडा पुत्र हुकमचंद कालड़ा निवासी नूंह अपने परिवार के साथ पुख्ता मकानात बनाकर रह रहा था, उसके पिता भी डाकखाना के एजेंट थे और पवन कालडा भी नूंह शहर का होने व हर सामाजिक कार्य में बढचढकर लेने के चलते लोगों का विश्वास उस पर पूरी तरह से जम गया। रेहडी लगाने, रिक्शा चलाने, चाय बेचने वाले के अलावा गरीब मजदूर, व्यापारी, नौकरीपेशा आदि करने वालों ने पवन कालडा के जरिये अपनी एफ0डी0, आर0डी0 वगैरा बनवाकर खाता खुलवाया हुआ था लेकिन पवन कालडा एक पखवाडा पूर्व सारा जमाराशि को फर्जी साईन कर निकालकर करोडों का गबन कर भगा गया। आरोपी, उसकी पत्नी, डाकघर कर्मचारियों के अलावा अन्यों के खिलाफ दर्जनों शिकायतंे पहुंचने पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया तथा आरोपी को न्यायालय में पेश करके 3 दिन की पुलिस रिमाण्ड ली है। इससे पहले आरोपी ने पुलिस के समक्ष अपने बयानों में कहा कि वह और उसकी पत्नी अंशु कालडा 2006 से डाकघर की एजेंट थी, लेकिन दिन-प्रतिदिन खर्चें व गंदी आदते बढने के कारण मैने उपभोक्ताओं के फर्जी हस्ताक्षर करके उनके खातों में पैसे निकाल लिये, शिकायकर्ता जवाहरलाल पुत्र दीप नारायण निवासी लघु सचिवालय नूंह का भी खाता उसके पास था, मैने फर्जी हस्ताक्षर करके उसके खातों से लाखों रूपये निकाल लिये थे। निकाले पैसों में पत्नी के लिए 20-25 लाख के जेवरात खरीदे, 30-35 लाख रू0 भाई मनोज को व्यापार करने के लिए दिये, 20 लाख जीजा सुनील को दिये, 30 लाख रूप्ये का घर खरीदा, 10 लाख रूप्ये वर्कर सुनील पुत्र प्रकाश को दिये, 20 लाख रूप्ये दिल्ली स्थित बहन के पास छिपाये, 25 लाख रूपये पोस्टमार्टर कमरूदीन निवासी कोट के पास है और काफी पैसा सहारा इंडिया कम्पनी में लगा दिये है। पुलिस ने जेवरात, नकदी आदि बरामद के लिए रिमाण्ड लिया है।

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