योग को जीवन का हिस्सा बनाकर राष्टï्र निर्माण व प्रगति में करें योगदान : एसडीएम जितेंद्र कुमार  

0

जीवन में सफलता हासिल करने के लिए योग जरूरी : नगराधीश आशीष कुमार। 
एलईडी के माध्यम से योग साधकों व स्कूली बच्चों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री नायब सिंह का सुना वर्चंूअल संदेश।
अनाज मंडी तावड़ू व संगम स्कूल इंडऱी में हुआ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भव्य और दिव्य तरीके से योग कार्यक्रम का आयोजन

City24news/अनिल मोहनिया

नूंह |आयुष विभाग और हरियाणा योग आयोग के तत्वावधान में शनिवार को स्थानीय अनाज मंडी तावड़ू व संगम स्कूल इंडऱी में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर भव्य और दिव्य तरीके से योग कार्यक्रम का आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बड़ी सख्या में योग साधकों ने योग कर इस पावन पर्व को और भी यादगार व स्मरणीय बना दिया। तावड़ू अनाज मंडी में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि एसडीएम जितेंद्र कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि योग-विद्या, भारत के ऋषि मुनियों की अमूल्य धरोहर है। अनादिकाल से योग चला आ रहा है। सभी श्रुति-स्मृतियां योग की महिमा का वर्णन कर रही हैं। हम योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाकर एक स्वस्थ समाज का निर्माण व देश के उत्थान एवं प्रगति में योगदान प्रदान करेंगे, तभी हर वर्ष अन्र्तराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का उद्देश्य पूर्ण हो सकेगा। इस मौके पर लगाई गई एलईडी के माध्यम से उपस्थित योग साधकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री नायब सिंह का वर्चवल संदेश सुना। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यअतिथि ने दीप प्रज्जवलन करके किया।         

    एसडीएम जितेंद्र कुमार ने कहा कि वर्ष 2014 में देश के प्रधानमंत्री ने पहली बार दुनिया को योग की दिव्यता का आभास करवाया और संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा। जिसे दुनिया के 177 देशों ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी, जिनमें संसार के 47 से अधिक मुस्लिम देश शामिल थे. उन्होने भी योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना स्वीकार किया। इसके फलस्वरूप 21 जून को भारत सहित पूरी दुनिया में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाने लगा।

 नगराधीश आशीष कुमार ब्लॉक स्तर इंडऱी में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि योग अभ्यास शरीर एवं मन विचार एवं कर्मसंयम एवं पूर्णता की एकात्मकता तथा मानव एवं प्रकृति के बी सामंजस्य स्थापित करता है तथा यह स्वास्थ्य एवं कल्याण का पूर्णतावादी दृष्टिकोण है। योग केवल व्यायाम नहीं है, बल्कि स्वयं के साथ, विश्व और प्रकृति के साथ एकत्थ खोजने का भाव है। योग हमारी जीवन शैली में परिवर्तन लाकर हमारे अन्दर जागरुकता उत्पन्न करता है तथा प्राकृतिक परिवर्तनों से शरीर में होने वाले बदलावों को सहन करने में सहायक हो सकता है। उन्होंने कहा कि योग का एक अर्थ जोडऩा भी होता है। इससे हमें एक-दुसरे को आपस में एक साथ मिलकर काम करने की प्रेरणा लेनी चाहिए। यदि जन-प्रतिनिधि व सरकारी अधिकारीगण एक-दूसरे के साथ जुडकऱ काम करेंगे तो प्रदेश की उन्नति में कोई रूकावट नहीं आयेगी। योग, संचय का भी प्रतीक है, क्योंकि योग करने से व्यक्ति में अनेक दैविक एवं आंतरिक शक्तियों का संचार होता है, जोकि मानव को मानव बनाने में सहायता करता है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *