बागोत मोहित सुसाइड केस में आज हो सकता शव के अंतिम संस्कार को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय

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-हरियाणा ह्यूमन राइट कमीशन चंडीगढ में होनी है सुनवाई
-52 दिन से मोर्चरी में रखे शव का दाह संस्कार करने के लिए निकाला जाएगा बीच का रास्ता
City24news/सुनील दीक्षित
कनीना | कनीना सब डिवीजन के गांव बागोत निवासी मोहित सुसाइड केस मामले में हरियाणा ह्यूमन राईट कमीशन चंडीगढ में सोमवार 3 फरवरी को सुनवाई निश्चित है। जिसे लेकर 52 दिन से उपनागरिक अस्पताल कनीना की मोर्चरी में रखे युवक के शव का दाह संस्कार होने की उम्मीद बनती दिखाई दे रही है। इस बारे में पडतल गांव के सरपंच रोशनलाल इंदोरा ने वकील के माध्यम से जनहित एवं मानव अधिकारों को देखते हुए एक दरखास्त बीती 15 एचएचआरसी, हरियाणा ह्यूमन राईट कमीशन चंडीगढ में दाखिल की थी। जिसमें उन्होंने बागोत निवासी मोहित का शव कनीना अस्पताल के मोर्चरी में रखा होने तथा शव का निश्चित समय पर ससम्मान अंतिम संस्कार करवाने की दलील दी गई थी। जिसकी 20 जनवरी को सुनवाई की गई थी। जिसमें कनीना के एसडीएम डाॅ जितेंद्र सिंह अहलावत व डीएसपी दिनेश कुमार ने हाजिर होकर मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन होने का हवाला देकर जवाबदावा दाखिल किया था। सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए कमीशन की ओर से आगामी 3 फरवरी को पुनः सुनवाई निश्चित की गई थी। अधिकारियों की ओर इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में जवाबी एप्लीकेशन दाखिल की गई थी। जिस पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया जा सका है। हाईकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 20 मई को होनी है। दोनों पक्ष एचएचआरसी एवं हाईकोर्ट के आदेश आने की आस लगाए बैठे हैं।
ईधर मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस महानिदेशक चंडीगढ की ओर से एसआईटी का गठन किया गया है। जिसमें पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में डीएसपी, इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर सहित तीन अधिकारियों को शामिल किया गया है। ये टीम कैलाशचंद द्वारा पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट में दाखिल की गई अर्जी में लगाए गए आरोपों की जांच करेगी।
एसपी नारनौल के माध्यम से जारी नोटिस में उच्च न्यायालय पंजाब एवं हरियाणा में दाखिल सीआरएम-एम 2017-2025 एवं डीडीआर नम्बर 16 दिनांक 14 दिसंबर 2024, बीएनएस की धारा 194 के संदर्भ में वादी कैलाशचंद को जांच में शामिल होने का कहा गया है। डीजीपी द्वारा गठित की गई एसआईटी के सामने पेश होकर कैलाशचंद मामले से जुडे सबूतों तथा गवाहों की सूचि उपलब्ध करवा सकता है।
ईधर मृतक युवक मोहित का शव पिछले 52 दिन से उप नागरिक अस्पताल कनीना के फ्रीजर में रखा हुआ है। हालांकि मामला हाइकोर्ट में विचाराधीन होने के बाद वादी एंव प्रतिवादी पक्ष को हाईकोर्ट के आदेश का पल-पल इंतजार बना हुआ है। कोर्ट के आदेश के मुताबिक अगली कार्रवाई अमल में लायी जानी है। मृतक के पिता कैलाशचंद ने इस बारे में 14 जनवरी को पंजाब एंव हरियाणा हाईकोर्ट में अर्जी डाली गई थी। जिस पर 16 जनवरी को सुनवाई करते हुए न्यायधीश हरप्रीत सिह बरार ने कैलाशचंद को फांसी लगाकर मरे युवक मोहित, 26 वर्ष का 3 दिन में अंतिम संस्कार करने, अर्जी में लगाए गए आरोपों की जांच आईपीएस अधिकारी से करवाने तथा मृतक के पिता को भी शामिल तफ्तीश होेने के भी आदेश दिए थे। लेकिन कैलाशचंद पूर्व मंत्री सहित आठ व्यक्त्यिों के विरूध एफआईआर करने की एकसूत्री मांग पर अडा हुआ है।
एसडीएम डाॅ जितेंद्र सिंह अहलावत ने कहा कि ह्यूमन राइट कमीशन में आज सोमवार को सुनवाई होनी है। जिसमें प्रशासन की ओर से अपना पक्ष रखा जाएगा। कमीशन की ओर से जारी आदेश फाॅलो किए जाएगें। कैलाशचंद द्वारा हाइकोर्ट में दाखिल की गई अर्जी में लगाए गए आरोपों की जांच वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से करवाने को कहा गया है। जिसमें एसआइटी गठित की जा चुकी है।
थाना इंचार्ज निरीक्षक मुकेश कुमार ने बताया कि एसआईटी की ओर से वादी कैलाशचंद को नोटिस देकर मामले से जुडे तमाम सबूत एवं गवाह की सूचि उपलब्ध करवाने को कहा गया है। उनकी ओर से कोई सहयोग नहीं किया जा रहा है। जिससे जांच पूरी हो सके।
हाईकोर्ट के एडवाकेट सत्यारायण यादव ने बताया कि आज सोमवार को उनकी ओर से मामले की तत्काल सुनवाई के लिए हाईकोर्ट में दरखास्त लगाई जाएगी। जिसमें जांच अधिकारियों पर उंगली उठाई गई है। जिस पर मंगलवार 4 फरवरी को आदेश पारित होने की उम्मीद है।