बुजुर्गों का सदैव आदर-सत्कार,मान सम्मान करें: आचार्य

0

जिस घर मे बुजुर्गों का मान सम्मान नहीं होता वो घर श्मशान के समान है : हरिशंकर
ज्ञान प्राप्त करने की कोई आयु सीमा नहीं होती : अग्निहोत्री
जीवन चुनौतियों से परिपूर्ण है:आचार्य हरिशंकर
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | व्यक्ति का जीवन चुनौतियों से परिपूर्ण होता है और व्यक्ति को कभी चुनौतियों से घबराना नहीं चाहिए जो व्यक्ति चुनौतियों से घबराता है वे व्यक्ति जीवन में कभी सफल नहीं हो पाता है। यह उक्त विचार वैदिक प्रवक्ता आचार्य हरि शंकर अग्निहोत्री ने आर्य समाज नगीना के प्रांगण में आयोजित चार दिवसीय वेद कथा का वाचन करते हुए कही। आचार्य ने बुजुर्गों का सदैव आदर सत्कार मान सम्मान हृदय की गहराइयों के साथ करना चाहिए। युवा पीढ़ी को बुजुर्गों के पास बैठकर उनके अनुभवों का अपने जीवन में लाभ उठाना चाहिए। प्राणी मात्र के प्रति मैत्री संबंध रखने चाहिए। गृहस्थ जीवन को सुखमय, खुशहाल ,व आनंदमय बनाने के लिए अपने घरों में विद्वानों को आमंत्रित करें तथा गृहस्थ जीवन के बारे में चर्चा करें। ज्ञान प्राप्त करने की कोई आयु नहीं होती आप ज्ञान अपने से आयु में छोटे व बड़े दोनों से प्राप्त कर सकते हैं। क्योंकि ज्ञान जहां से भी मिले उसे प्राप्त कर लेना चाहिए। जिस घर में वेद शास्त्रों की ध्वनि नहीं होती, ब्राह्मण , विद्वानों व बुजुर्गों का मान सम्मान नहीं होता व घर श्मशान के समान है और अपने घर को स्वर्ग बनाने के लिए घरों को वेद शास्त्रों की ध्वनि से गुंजायमान करें तथा ब्राह्मण, विद्वानों व बुजुर्गों का मान सम्मान करें। विद्वान सिद्धांत और प्रयोग ये जीवन का मूल मंत्र है।

भजनोंपदेशक संदीप आर्य ने कहा की जो व्यक्ति समाज राष्ट्र की उन्नति समृद्धी, राष्ट्रहित व समर्पण के लिए कार्य करते हैं देश उन्हीं को याद रखता है। राष्ट्रहित के लिए बलिदान से भी पीछे ना हटे देश से बढकर जीवन मे कुछ नहीं होता, देशहित सर्वोच्च व सर्वोपरि होता है।संदीप आर्य ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों की सहायता से संगीतमय भजन भारत माता की अद्भुत प्रशंसा में , तू देवो की जननी,तेरा वेदों से नाता, भूमंडल में मान कहते थे,——-ऋषियों ने अपने तप से सजाया, हड्डियों का दान देकर——एक दिन जाना है क्यों घबराना——मेरे हिन्दूस्थान में सबसे अच्छे लोग रहते थे। भजनामृत रस से सभी श्रद्धालुओं को ओत प्रोत कर दिया । और सारे वातावरण को वैदिकमय कर दिया आचार्य अग्निहोत्री के पावन सानिध्य में सामूहिक हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें देश व विश्व कल्याण की भावना से निमित्त आहुतियां दी गई।

इस अवसर पर आर्यजगत के पुरोधा व बुजुर्ग पदमचंद आर्य, आर्य समाज नगीना के अध्यक्ष महेंद्र गोयल शिक्षाविद्, सर्वजातीय सेवा समिती के उपाध्यक्ष रजत जैन, संयोजक शिवकुमार आर्य,आचार्य तरुण, राकेश आर्य, भोलाराम आर्य माण्डीखेड़ा वाले, विकास गुप्ता,मानक चंद सैनी, अनिल जैन, सतपाल सैनी,हरीश शर्मा,मनोहर लाल, लल्लू प्रजापत, भूदेवशर्मा, राजेंद्र पम्मी सिंगला,रणवीर सिंह वर्मा,नंदलाल प्रजापत, विनीत गुप्ता,गिर्राज गजमोती, लाजपत शर्मा, आदि उपस्थित है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *