छोटे-बडे हुड्डा की नीतियों के चलते कांग्रेस पार्टी हो रही कमजोर
 
                राव बहादुर सिंह के बाद किरण व श्रुति ने छोडी पार्टी
City24news/सुनील दीक्षित
कनीना | हरियाणा प्रदेश में कांग्रेस पार्टी इस समय बापू-बेेटे की पार्टी बनकर रह गई है। जिसमें उनकी मर्जी मुताबिक फैसले लिए जा रहे हैं। अनेकों नेताओं को उनकी नीति रास नहीं आ रही है जबकि नजदीकी समझे जाने वाले पूरे घटनाक्रम पर नलरे टिकाए हुए हैं। जिसके चलते पार्टी कमजोर होने लगी है। इसका जीता जागता उदाहरण छोटे-बडे हुड्डा व आशा हुड्डा को अपना श्रेष्ठ मानने वाले नांगल चौधरी के पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह उनकी नीतियों के कारण पार्टी को अलविदा कह कर जेजेपी को ज्वाईन कर गए। उन्होंने जेजेपी की ओर से भिवानी-महेंद्रगढ लोकसभा क्षेत्र से चुनाव भी लडा जिसमें करीब 15 हजार वोटों पर संतोष करना पडा। जबकि उन्होंने अपने बूते पर उपरोक्त तीनों के अलग-अलग कार्यक्रम करवाए थे। पार्टी को अलविदा कहने के बाद राव बहादुर सिंह ने मीडिया के सामने बापू-बेटे की नीतियों पर अनाप-शनाप आरोप जडे थे। उनकी ओर से कांग्रेस छोडने पर पार्टी कमजोर हुई। ये सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ लोकसभा चुनाव के बाद पूर्व कैबिनेट मंत्री श्रीमति किरण चौधरी तथा पूर्व सांसद श्रुति चौधरी कांग्रेस पार्टी को अलविदा कह गई। जो पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल व उनके पुत्र कबनिा मंत्री चौ.सुरेंद्र सिंह की राजनीतिक विरासत को संभाल रही हैं। लौह पुरूष कहे जाने वाले चौ.बंसीलाल की जिक्र लोकसभा चुनाव के दौरान पाली में आयोजित जनसभा में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किया था। उसके बाद से सियासती गलियारों से उथल-पुथल के संकेत मिल रहे थे। श्रुति चौधरी को लोकसभा की टिकट नहीं मिलने पर वे पार्टी की नीतियों में विश्वास रखते हुए अपना कार्य करती रही। चुनाव के बाद पार्टी प्रत्याशी राव दान सिंह तथा हुड्डा खेमे की ओर से उनपर भीतरघात जैसे आरोप लगाए तो उन्होंने खुलकर जवाब भी दिया। किरण चौधरी ने मीडिया के सामने राव दानसिंह को अपने बूथ, विधानसभा क्षेत्र तथा तोशाम में पडने वाले ननिहाल में हारने जैसी बात कही। लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा में भले ही कांग्रेस पार्टी का मतप्रतिशत बढा है लेकिन पार्टी के कद्दावर नेताओं द्वारा पार्टी छोडे जाने के बाद संगठनात्मक ढांचा कमजोर भी हुआ है। किरण चौधरी,स द्वारा पार्टी छोडने के बाद कांग्रेस को जोर का झटका लगा है वहीं बुधवार को प्रदेश के सत्तारूढ दल में शामिल होने के बाद भाजपा प्रदेश में ओर अधिक मजबूत हुई। माना जा रहा है कि बापू-बेटे की समझाी जाने वाली पार्टी से कांग्रेस के ओर नेता भी पलायन कर सकते हैं।

 
                                             
                                             
                                        