41693 केसों में से 27889 का आपसी सहमति से हुआ निपटारा: श्रीमती ऋतु यादव
City24news@ब्यूरो
फरीदाबाद। सीजेएम कम जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव ऋतु यादव ने कहा कि आज शनिवार को हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन एवं न्यायमूर्ति पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट चंडीगढ़ अरुण पल्ली के दिशा निर्देशानुसार हरियाणा प्रांत में प्रत्येक जिला में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिला के सत्र न्यायाधीश एवं चेयरमैन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण संदीप गर्ग की अध्यक्षता एवं दिशा निर्देश पर राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जहां विभिन्न अदालतों में विचाराधीन केसों का लोगों की आपसी सहमति निपटारा किया गया है।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऋतु यादव की देखरेख, में आज जिला अदालत सेक्टर -12, में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में 15 बेंच लगाए गए थे। जिनमें श्री नरेश कुमार अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, श्रीमती ज्योति लंबा अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, सौरभ गोसाई प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट, संदीप यादव मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, नवीन कुमार न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, रजत कुमार कनौजिया न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, दीपाली सिंगल न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, अनिल कुमार न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, हिमानी सागर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, नीतिका भारद्वाज न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, अमितेंद्र सिंह न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, तरुण चौधरी न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, सरिता सोलंकी न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, पारस चौधरी न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, प्रियंका वर्मा न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी की बेंचे बनाई गई। राष्ट्रीय लोक अदालतों में 41693 केस रखे गए। जिनमें से कुल 27889 केसों का निपटारा लोगों की आपसी सहमति से किया गया। जिनमें मोटर व्हीकल दुर्घटनाओं के 287, छोटे-मोटे आपराधिक मामले 2368, चेक बाउंस 837, बिजली से संबंधित 440, समरी चालानो के 19718, श्रमिक विवाद के 09 केस, वैवाहिक संबंधित 191, दीवानी 598, बैंक रिकवरी के 1073, राजस्व से सम्बन्धित 2368 अदालतों में विचाराधीन केसों का निपटारा आपसी सहमति से किया गया।
राष्ट्रीय लोक अदालत में विचाराधीन केसों से सम्बन्धित सभी व्यक्ति अपने अपने केसों के फैसले से संतुष्ट होते हुए और खुशी-खुशी अपने घर गए।
सीजेएम ऋतु यादव ने बताया कि आज की लोक अदालत में लोगों का ट्रैफिक केसों को लेकर लोगों का काफी रुझान रहा। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक ट्रैफिक चालान से संबंधित केसों का निपटारा किया गया। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत में फैसला होने पर जिसकी सुप्रीम कोर्ट तक कोई अपील नहीं होती। वहीं लोगों की कोर्ट फीस वापस हो जाती है तथा केस का फैसला हमेशा हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है। जिससे लोगों के पैसे व समय की बचत होती है तथा आपस में सामाजिक सरोकारों के प्रति प्रेम भाव बना रहता है। राष्ट्रीय लोक अदालत में केस का फैसला होने पर जिसकी सुप्रीम कोर्ट तक कोई अपील नहीं होती कोर्ट फीस वापस हो जाती है। केस का फैसला हमेशा हमेशा के लिए हो जाता है। जिससे पैसे व समय की बचत होती है तथा आपस में प्रेम भाव बना रहता है।