दुर्गा अष्टमी के पावन पर्व पर हवन एवं सत्संग का आयोजन
City24news@अनिल मोहनियां
नूंह | नवरात्रों के आठवें दिन दुर्गा अष्टमी के पावन पर्व पर शांति एवं सद्भावना के लिए इंडरी खंड के ग्राम छछैड़ा में हवन एवं सत्संग का आयोजन किया गया। जिसमें आचार्य राजेश ने कहा हमें अपने माता-पिता, गुरु, अतिथि और परमात्मा का यथायोग्य सम्मान और सेवा करनी चाहिए। ईश्वर एक है हम उसे अनेक नाम से जानते हैं। ईश्वर का मुख्य और निज नाम ओम है।
उन्होंने बताया सत्संग सुनने और करने से व्यक्ति के अंदर के राग- द्वेष, लोभ- लालच, कलेश आदि दूर हो जाते हैं मन अच्छे कामों की ओर प्रेरित रहता है। आचार्य राजेश ने कहा सत्संग वह पारसमणी है जो लोहे को सोना बना देती है सत्संग से व्यक्ति महान बन जाता है अच्छे पुरुषों का संग व्यक्ति को महान बना देता है। जैसे पुष्प के संपर्क में आने से कीट पतंग भी महापुरुषों के सिर पर विराजमान हो जाते हैं। सत्संग में आचार्य राजेश ने कहा गायत्री मंत्र महामंत्र बताया गया हमारे ऋषि मुनियों ने वेद शास्त्रों में गायत्री मंत्र की महिमा बताई गई है वेद का मंत्र गायत्री संपूर्ण कामनाओं को करने के लिए बुद्धि को अच्छी बनाने के लिए प्रेरणा देता है इस अवसर पर निर्मल भगत जी कविता राधा गजेंद्र हर्ष करण सिंह गोवर्धन मुक्तियारी सुमन अन्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।