नूंह के पल्ला गांव के हज़रत सैयद शेख मूसा चिश्ती अलैहिर्रहमा पर 713 वां सालाना उर्स मुबारक मनाया जाएगा
सालाना उर्स मुबारक के अवसर पर ख्वाजा फरीद अहमद निजामी, मुफ्ती मोहम्मद इसाक खान, जमाल सिद्दीकी , सय्यद जावेद इलाहाबादी सहित अन्य लोग पहुंचे।
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | नूंह के पल्ला गांव में हजरत सय्यद शेख मूसा चिश्ती अलैहिर्रहमा की दरगाह पर सालाना उर्स मुबारक मनाया जाता है। हज़रत सैयद शेख मूसा चिश्ती के 713 वें सालाना उर्स मुबारक के अवसर पर ख्वाजा फरीद अहमद निजामी, मुफ्ती मोहम्मद इसाक खान, अल्पसंख्यक मोर्चे के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जमाल सिद्दीकी , सय्यद जावेद इलाहाबादी सहित अन्य लोग पहुंचे।
वहीं जिला प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद रहे।
हज़रत सैयद शेख मूसा चिश्ती के 713 वें सालाना उर्स मुबारक कार्यक्रम की देखरेख कर रहे मौलाना आरिफ ने कहा कि तमाम मेवात के लोगों को और तमाम हिंदुस्तान वासियों को आलम इस्लाम को मुबारकबाद पेश करते हैं । उन्होंने बताया कि हजरत शेख मूसा ख्वाजा निजामुद्दीन औलिया के खलीफा थे। उन्हीं के कहने से मेवात में इस्लाम धर्म के प्रचार के लिए निकल पड़े जब वे अरावली पर्वत के साथ से गुज़र रहे थे तो एक कांटेदार झाड़ी ने उनका पल्लू थाम लिया बार-बार सुलझाने के बाद भी पल्लू नहीं सुलझा तो सारी स्थिति अपने आप भांप गये और वहीं पर अपना डेरा डाल लिया। हजरत शेख मूसा इस्लाम धर्म का प्रचार करने लगे और अपनी लगन,मेहनत और काबिलियत के चलते बहुत जल्दी दूर-दूर तक उनको लोग जानने लगे। उन्होनें पूरा जीवन मेवात में इस्लाम धर्म का प्रचार और प्रसार किया। जिस जगह पर हजरत शेख मूसा का पल्ला झाड़ी ने थामा वहां पर आज भी पल्ला गांव बसा हुआ है। आज हज़रत सैयद शेख मूसा चिश्ती के 713 वें सालाना उर्स मुबारक कार्यक्रम में हरियाणा ,यूपी, पंजाब ,राजस्थान, दिल्ली इत्यादि जगहों से लोग पहुंचे इसके अलावा जिला प्रशासन के भी आला अधिकारी कार्यक्रम में मौजूद रहे।