योग भारत की प्राचीनतम महान क्रियाओं व विद्याओं में से एक : रजत जैन

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योग के माध्यम से ऋषि मुनि अनेक वैज्ञानिक व आध्यात्मिक अनुसंधान करते थे।
नियमित योग करने से मन व शरीर स्वस्थ रहता है 

City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | सूर्यनमस्कार, प्राणायाम, कपालभाति,वज्रासन,सर्वासन,आदि अनेक योगासन व्यक्ति को प्रतिदिन योगासन अपनी क्षमता के अनुसार करना चाहिए।इससे व्यक्ति को शारीरिक व मानसिक विकास होता है।उक्त जानकारी देते हुए सर्वजातीय सेवा समिति के उपाध्यक्ष व समाजसेवी रजत जैन कहा की योग भारत की प्राचीनतम महान क्रियाओं व विद्याओं में से एक है। योग के माध्यम से ऋषि मुनि अनेक वैज्ञानिक व आध्यात्मिक अनुसंधान करते थे। योग मनुष्य को स्वस्थ व दीर्घायुवान बनाता है। मनुष्य को नियमित रूप से योग करना चाहिए। योग से मानसिक ,शारीरिक व आध्यात्मिक बौद्धिक विकास व बल प्राप्त होता है। नियमित योग करने से मन व शरीर भी स्वस्थ रहता हैं।रजत ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा की भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अथक प्रयासों से वर्ष 2015 जून 21 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित हुआ जिससे योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिली। आप स्वयं एवं बच्चों को भी नियमित रूप योग करवाएं। रजत ने बताया की जीवन में पारंपरिक खेलों का भी विशेष महत्व है ।उन्होंने आह्वान किया की आप पारंपारिक खेलों पर विशेष ध्यान दें तथा कबड्डी, खो-खो, कुश्ती,लम्बी कूद,उंचीकूद आदि पारंपरिक खेल भी बच्चों को खिलाए। जिससे बच्चों में स्फूर्ति के साथ-साथ तेजी से मानसिक व शारिरिक वृद्धि हो सके।योग से शरीर के प्रत्येक अंग का व्यायाम होता है।जिससे की शरीर स्वस्थ व बलवान बनता है।आसन शरीर की पांच मुख्याँगो की क्रियाओं का संचालन करता है।

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