जिला स्तर पर बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान के तहत किया जाएगा कार्य : धीरेंद्र खड़गटा 

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गति शक्ति के डिजिटल ढांचे ने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की दक्षता और पारदर्शिता में हुआ है सुधार : यशस्वी मुंड
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने कहा कि जिला स्तर पर बुनियादी ढांचे के विकास के लिए सहयोगात्मक योजना बनाने में मदद करने के लिए पीएम गति शक्ति जिला स्तरीय मास्टर प्लान के तहत कार्य किया जाएगा। यह मास्टर प्लान देश के 28 राज्यों में 28 जिलों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया गया है, जिसमें जिला नूंह को भी शामिल किया गया है। नूंह जिला एक आकांक्षी जिला है और जिले के विकास के लिए पीएम गति शक्ति पोर्टल लॉन्च किया गया है। उन्होंने कहा कि गति शक्ति पहल, जिसका उद्देश्य कनेक्टिविटी में सुधार करना, आर्थिक विकास को समर्थन देना और नागरिकों के जीवन की सामान्य गुणवत्ता में सुधार करना है, भारत के बुनियादी ढाँचे के परिदृश्य को बदलने की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम है। उपायुक्त वीरवार को लघु सचिवालय स्थित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हॉल में डिप्टी सेक्रेटरी , डीपी आईं आई टी मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज यशस्वी मुंड के साथ जिला के अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।

धीरेंद्र खड़गटा ने कहा कि पीएम गति शक्ति जिला मास्टर प्लान पोर्टल बुनियादी ढांचे की योजना को विकेन्द्रित करेगा और स्थानीय स्तर पर विकास को गति देगा।

उन्होंने कहा कि गति शक्ति नवाचार को बढ़ावा दे सकती है, सतत विकास को आगे बढ़ा सकती है और आधुनिक तकनीकों और कई क्षेत्रों को एकजुट करने वाली एक व्यापक रणनीति का उपयोग करके भारत को एक वैश्विक शक्ति में बदल सकती है। गति शक्ति के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए, हमें आगे बढ़ना जारी रखना चाहिए, हितधारकों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करना चाहिए और बाधाओं को दूर करना चाहिए।

यशस्वी मुंड ने कहा कि गति शक्ति पहल की एक प्रमुख विशेषता भू-स्थानिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) और डेटा एनालिटिक्स जैसी उन्नत तकनीकों का एकीकरण है, जो बुनियादी ढांचे की योजना में क्रांतिकारी बदलाव लाती है। यह प्लेटफ़ॉर्म 1,600 से ज़्यादा परतों का डेटा होस्ट करता है, जो ज़मीन, जंगल, राजमार्ग और शहरी केंद्रों जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को कवर करता है, जिससे प्रयासों का दोहराव कम होता है और प्रोजेक्ट मंज़ूरी में तेज़ी आती है।

यह डेटा-केंद्रित दृष्टिकोण वास्तविक समय में निर्णय लेने, अतिरेक को कम करने और परियोजनाओं को बजट के भीतर और समय पर पूरा करने में सक्षम बनाता है। गति शक्ति के डिजिटल ढांचे ने बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की दक्षता और पारदर्शिता में काफी सुधार किया है, जिससे भारतीय व्यवसायों के लिए ऐतिहासिक रूप से उच्च रसद लागत को कम करने में मदद मिली है। इन लागतों में कटौती करके, यह पहल भारतीय उत्पादों और सेवाओं की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाती है।

उन्होंने कहा कि पहल का फोकस जिला-स्तरीय परियोजनाओं, औद्योगिक गलियारों और स्मार्ट सिटी विकास तक विस्तारित होगा। इस बदलाव का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बुनियादी ढांचे का विकास देश के हर कोने तक पहुंचे, समावेशी विकास को बढ़ावा मिले जिससे सभी क्षेत्रों और समुदायों को लाभ हो।

 इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप सिंह मलिक, एसीयूटी अनिरुद्ध यादव, 

एसडीएम नूंह प्रदीप अहलावत, एसडीएम फिरोजपुर झिरका डा.चिनार चहल, एसडीएम तावड़ू संजीव कुमार, एसडीएम पुन्हाना संजय कुमार व सीईओ जिप अमित कुमार सहित जिला के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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