महिलाओं की जिम्मेदारी सिर्फ घर तक ही सीमित नहीं

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City24news@अनिल मोहनियां

नूंह | महिलाओं की जिम्मेदारी सिर्फ घर तक ही सीमित नहीं है बल्कि समाज के कल्याण में भी महिलाओं का योगदान हैं। महिलाओं की हिस्सेदारी को बढ़ावा देने और उन्हें उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए हर साल 8 मार्च को अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। स्पीड एनजीओ के निदेशक अवधेश यादव रविवार को खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय नूंह के सभागार में कार्यक्रम आयोजित किया गया। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने की शुरूआत साल 1908 में हुई थी। 8 मार्च के दिन ही महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए आंदोलन शुरू किया था। इस दिन अमेरिका के न्यूयार्क शहर में महिलाएं अपने अधिकारों को पाने के लिए सड़क पर उतर आईं थीं।

आंदोलन करने वाली इन महिलाओं की मांग थी कि उनके काम के मुताबिक उनका वर्किंग समय सीमित होना चाहिए। वहीं रूसी महिलाओं ने पहले विश्व युद्ध का विरोध करते हुए महिला दिवस मनाया था। यूरोप में महिलाओं ने 8 मार्च को पीस एक्टिविस्ट्स को सपोर्ट करने के लिए रैलियां निकाली थीं। 

   अशफ़ाक अली प्रभारी वन स्टॉप सेंटर नूंह ने कहा कि हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एक खास थीम के साथ मनाया जाता है। इस साल 2024 में महिला दिवस महिलाओं में निवेश करें, प्रगति में तेजी लाए थीम के साथ मनाया जा रहा है। ‘इंस्पायर इंक्लुजन’ कैंपेन के तहत मनाने का मकसद है कि हर फिल्ड में महिलाओं की मौजूदगी होना जरूरी है, अगर नहीं हैं तो क्यों नहीं हैं। हर महिला अपना घर स्वर्ग बनाना चाहती लेकिन या तभी संभव जब दम्पति अपने दायित्वों को प्यार से निभाये और महिला को पुरुष के बराबर सभी अधिकार प्राप्त सके युग महिला आसानी से सवलम्बी बन सकती महिला भी बेहतर शिक्षा के सकती हे दोनों पहियों से गाड़ी चलती है अपने बच्चों की परवरिश दोनो मिलकर ही कर सकते हे ।

‘वन स्टॉप सेंटर्ज़’ को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने तैयार किया हे यह एक ऐसी व्यवस्था, जहां हिंसा या अन्य किसी तरह से प्रभावित महिला सभी तरह की मदद एक ही छत के नीचे एक साथ पा सकती ऐसे सेंटर्स को स्थापित करने की जरूरत को लेकर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जोर दिया गया था, ताकि महिलाओं को समय पर न्याय मिल सके।

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