रे आया सावन झूम के..गीत पर जमकर थिरकी महिलाएं
हरियाली तीज पर जगह-जगह सुनाई दिए लोक गीत
City24news/कविता गौड़
फरीदाबाद| झूला तो पड़ गए अमुआ की डाल पर, रे आया सावन झूम के जैसे गीतों पर महिलाओं ने थिरकते हुए जमकर हरियाली तीज मनाई। शहर में जगह-जगह तीज के मौके पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। कुछ कार्यक्रम मौसम सूहाने होने के कारण दिनभर चले, तो कुछ शाम को शुरू हुए। इस मौके पर महिलाओं ने कहा कि इस तरह के त्यौहार जहां हमें एक दूसरे से मिलने का मौका देते हैं वही इस तरह के आयोजनों से घर की चारदीवारीओं में बंद रहने वाली महिलाओं को अपनी तरीके से आयोजनों का अनुभव भी मिलता है। इस हरियाली तीज महोत्सव के मौके पर झूलों का महिलाओं ने जमकर आनंद लिया और फिल्मी तथा देहाती लोक गीतों पर जमकर महिलाओं ने नृत्य किया।
बेसब्री से होता है इंतजार: हिन्दु धर्म के लोगों को श्रावण मास का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार करता है। दो अगस्त को श्रावण मास की शिवरात्रि थी। इसके बाद से त्योहार शुरू हो जाते है। सबसे पहले शिवरात्रि, उसके बाद हरियाली तीज, नाग पंचमी, रक्षा बंधन, कजरी तीज, जन्माष्टमी, हरतालिका तीज, नवरात्रि, दशहरा, करवा चौथ, दिवाली गोवर्धन पूजा, भाई दूज और छठ पूजा का त्यौहार आता है। यह बात एनएच-पांच स्थित राधा सर्वेश्वर मंदिर के संस्थापक महंत मुनिराज जी ने कही। उन्होंने बताया कि सावन के महीने में तीज के मौके पर झूले डाले जाते हैं। महिलाएं अपने अपने पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत रखती है। पहले तीज तीन दिन मनाई जाती थी, लेकिन अब एक ही दिन मनाया जाता है। इस दिन विवाहित महिलाएं निर्जला व्रत रखती है। इस मौके पर विवाहित महिलाए नए वस्त्र पहनती हैं और हाथों में मेहंदी और पैरों में अल्ता लगाती है। इस मौके पर मां पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है।