क्या हर मस्जिद से शिवलिंग निकालेंगे… शिया लॉ बोर्ड के मौलाना बोले

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City24news/ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित जामा मस्जिद के बाद बदायूं की जामा मस्जिद में मंदिर होने का दावा किया गया है। अब ये मामला भी कोर्ट पहुंच गया है। इतना ही नहीं, हिन्दू पक्ष ने अब अजमेर शरीफ की दरगाह में शिव मंदिर होने का दावा कर दिया है। इन सभी मामलों ने तूल पकड़ लिया है। इसको लेकर मौलानाओं ने नाराजगी जाहिर की है। इसी बीच मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद मामले में फैक्ट के आधार पर फैसला सुनाया होता तो आज ये दिन नहीं देखना पड़ता। क्या हर मस्जिद के नीचे से शिवलिंग निकालेंगे। ऐसे करके क्या हिंदुस्तान में सिविल वार चाहते हैं।

ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारा में लोग मन की शांति के लिए जाते हैं। क्या हर मस्जिद के नीचे से शिवलिंग निकालेंगे। क्या हर मजार को गिराकर वहां पर मंदिर बनाएंगे। क्या हिंदुस्तान के अंदर सिविल वार चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ये सब वहां हो रहा जहां बीजेपी की सरकार है। बीजेपी सरकार को बदनाम करने के लिए उसके खिलाफ काम हो रहा है और सरकार मूकदर्शक बनकर सब देख रही है। सरकार कुछ भी नहीं बोल रही है। मौलाना यासूब ने केंद्र सरकार से ऐसे लोगों पर लगाम लगाने की अपील की है।

मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि चाहे संभल की जामा मस्जिद का मामला हो या फिर अजमेर शरीफ की दरगाह का मामला हो। उन्होंने कहा कि आज से नहीं बरसो से मुसलमानों से ज्यादा हिंदू अजमेर जा रहे हैं। ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती ने इंसानियत का मैसेज दिया है। अजमेर दरगाह से आज भी एकता और भाईचारे का संदेश दिया जाता है। ऐसे में क्या आप हिंदुस्तान की हर मस्जिद को मंदिर बनाना चाहते हैं। हिंदुस्तान में बहुत जगह पड़ी है, वहां मंदिर बनाइये। आपको कौन रोक रहा है। अब ऐसा बिल्कुल भी नहीं चलेगा कि हिंदुस्तान के अंदर इंसानियत का खून गिरे। इसको कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मौलाना ने कहा कि प्लेसेस ऑफ वरशिप एक्ट 1991 की लगातार अवहेलना हो रही है। उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद मामले में जज्बात के ऊपर फैसला ना करके अगर सुप्रीम कोर्ट फैक्ट के ऊपर फैसला करती तो आज ये दिन नहीं देखना पड़ता। लेकिन बड़े अफसोस की बात है। मौलाना यासूब अब्बास ने आगे कहा कि अगर भावनाओं को देखते हुए अगर कोर्ट फैसला करने लगे तो लोगों का कोर्ट पर से भी विश्वास खत्म हो जाएगा। बता दें, संभल में जामा मस्जिद का सर्वे करने के दौरान बीते दिनों जमकर बवाल हो गया था। देखते ही देखते विवाद बढ़कर हिंसा में तब्दील हो गया था। इस हिंसा में करीब पांच लोगों की मौत हो गई थी।

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