जानें तारीख महत्व और पूजा विधि कब है, पापमोचनी एकादशी

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समाचार गेट/अन्तराम महलोनिया

नई दिल्ली| पापमोचनी एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को पाप से मुक्ति मिलती है। साथ ही इस व्रत को करने से व्यक्ति को संतान प्राप्ति की मनोकामना भी पूरी होती है। पापमोचनी एकादशी का व्रत चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। आइए जानते हैं|

इस बार पापमोचनी एकादशी का व्रत 5 अप्रैल को रखा जाएगा। दरअसल, एकादशी तिथि का आरंभ 4 अप्रैल को शाम में 4 बजकर 15 मिनट पर होगा और अगले दिन 5 मार्च को दोपहर 1 बजकर 28 मिनट तक होगा। इसलिए पापमोचनी एकादशी का व्रत 5 अप्रैल को है। ऐसी मान्यता है कि पोपमोचमी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जिन लोगों की संतान प्राप्ति की संभावना है वह भी पूरी हो जाती है। साथ ही व्यक्ति की सभी मानसिक समस्याएं दूर हो जाती हैं। साथ ही यह व्रत व्यक्ति को पाप से मुक्ति भी दिलाता है।

पापमोचनी एकादशी पूजा विधि
1) पापमोचनी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें।
2) घर के मंदिर की अच्छे से साफ सफाई कर लें। फिर एक चौकी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें। साथ ही भगवान विष्णु का पंचामृत से स्नान कराएं।
3) इसके बाद दोनों को पीले रंग के फूल की माला चढ़ाएं और हल्दी का तिलक लगाएं।
4) इसके बाद भगवान विष्णु को पंचामृत और पंजीरी का भोग लगाएं और भगवान विष्णु का ध्यान करें।
5) पूजा में तुलसी के पत्ते अवश्य शामिल करें और आरती के साथ पूजा समाप्त करें।

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