नये वक्फ कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे: विधायक आफताब अहमद  

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बिल को बताया संविधान व लोकतंत्र का उल्लंघन 
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | दक्षिण हरियाणा के कद्दावर नेता नूंह विधायक चौधरी आफताब अहमद ने सोमवार को नये वक्फ संसोधन बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान करते हुए कहा कि ये बिल संविधान व लोकतंत्र के खिलाफ है, भाजपा सरकार ने लोकसभा व राज्यसभा में पर्याप्त संख्या बल के आधार पर इसे पास कराया है।

विधायक आफताब अहमद के साथ फिरोजपुर झिरका विधायक इंजीनियर मामन खान, कांग्रेस नूंह के जिला संयोजक महताब अहमद मुख्य रूप से जिला कांग्रेस मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थे।

विधायक आफताब अहमद ने सवाल उठाते हुए कहा कि मौजूदा समय में हिंदू, क्रिश्चन, सिख, बौद्ध किसी भी धर्म के धार्मिक स्थलों व मामलों में अन्य धर्म के किसी भी व्यक्ति का कोई दखल स्वीकार्य नहीं है, फिर मुस्लिम समाज के धार्मिक मामलों में 

अन्य धर्मों के लोगों का दखल कैसे जायज हो सकता है। क्योंकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष आज़ाद मुल्क है और सभी धर्म एक समान हैं । धार्मिक संस्थाओं का प्रबंधन व प्रशासन उसी धर्म के लोगों के हाथों में होना चाहिए ।

विधायक आफताब अहमद ने कहा कि नये कानून के अनुसार कोई भी व्यक्ति अपनी सम्पत्ति वक़्फ़ नहीं कर सकता है जब तक वो ये साबित ना कर दे कि वो बीते पाँच सालों से मुस्लिम रीति रिवाजों का निर्वहन कर रहा है । ये शर्त सरासर ग़लत और ग़ैरज़रूरी है। आफताब अहमद ने कहा कि सरकारी संपत्ति होने के महज़ दावे भर से संपत्ति की जाँच सरकार द्वारा करना ऐसा ही है जैसे ख़ुद के मामले में जज बनना जो की न्याय की मूलभावना के ही ख़िलाफ़ है।

विधायक आफताब अहमद ने कहा कि वक़्फ़ बोर्ड के सदस्यों के मुस्लिम होने की ज़रूरत के नियम को रद्द करना ग़लत और अनुचित है । ग़ैर मुस्लिम लोगों के बोर्ड में आने से अल्पसंख्यक हितों पर असर अवश्य पड़ेगा।

विधायक आफताब अहमद ने कहा कि दरअसल मुस्लिम हितों पर कुठाराघात बीजेपी सरकार ने एनआरसी सीएए क़ानून लाकर शुरू किया था, फिर मुस्लिम राज्य जम्मू कश्मीर को विभाजित करके केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। बीते पाँच सालों में अल्पसंख्यक समुदाय को बजट में 18274 करोड रुपए आवंटित हुआ जबकि 3574 करोड रुपए इस्तेमाल ही नहीं हुआ। मुस्लिमों की पढ़ाई में छात्रवृत्ति बंद कर दी गई और वक़्फ़ बिल भी मुस्लिम समाज पर गहरा आघात है । स्पष्ट बहुमत ना होने के बावजूद बीजेपी सरकार अपने सहयोगियों के साथ मुस्लिम विरोधी मुद्दों पर कार्य कर रही है जो सही नहीं है।

विधायक आफताब अहमद ने सवाल उठाते हुए कहा कि वक्फ संपत्ति की वसूली के लिए सीमा अधिनियम लागू नहीं होता था, लेकिन अब यह लागू होगा। क्या यह संशोधन अतिक्रमणकारियों को सीमा अधिनियम या प्रतिकूल कब्जे द्वारा स्वामित्व का दावा करने से संरक्षण नहीं देगा?

विधायक आफताब अहमद ने कहा कि वक्फ 1995 कानून में बदलाव की कोई आवश्यकता नहीं है। ये वक्फ प्रशासन व मुसलमानों के अधिकारों को कमजोर करने की नीति और नीयत से लाया गया बिल है। अगस्त 2024 में सदन में लाया गया बिल कांग्रेस व विपक्ष के विरोध के बाद जेपीसी में भेजा गया था लेकिन वहां भाजपा व एनडीए के 14 संशोधन तो शामिल कर लिए गए लेकिन विपक्ष का एक भी संसोधन बिल में शामिल नहीं किया गया।

विधायक इंजीनियर मामन खान ने कहा कि भाजपा सरकार वक्फ संसोधन बिल को मुस्लिम हितैषी घोषित कर दुष्प्रचार कर रही है। वास्तविकता में ये बिल वक्फ व मुस्लिम विरोधी है, मुसलमानों की वक्फ संपत्तियों को भाजपा सरकार अपने नियंत्रण में करना चाह रही है जो दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है। वहीं जिला कांग्रेस संयोजक महताब अहमद ने हर मुमकिन मंच पर इस बिल के मुखालफत की बात कही है। 

विधायक आफताब अहमद ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 26 में धार्मिक मामलों के प्रबंधन की आज़ादी का प्रावधान है जिनमें 

धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए संस्थाएं स्थापित करने और उन्हें बनाए रखने का अधिकार, 

धार्मिक संप्रदायों को अचल और चल दोनों तरह की संपत्ति अर्जित करने का अधिकार, कानून के प्रावधान के अनुसार अर्जित संपत्तियों का प्रशासन करने का अधिकार, धार्मिक संप्रदायों को अपने धार्मिक मामलों का प्रबंधन करने का अधिकार मुख्य रूप से शामिल हैं लेकिन मौजूदा बिल इन अनुच्छेद के विपरीत है जिस कारण अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के मन की चिंताएँ वाजिब हैं। 

विधायक आफताब अहमद ने ऐलान करते हुए कहा कि वो और उनकी कांग्रेस पार्टी इस बिल का विरोध कर रही है और बहुत जल्द देश की सर्वोच्च अदालत में इस बिल को चुनौती दी जाएगी। जमीयत उलेमा हिंद व मुस्लिम पर्सनल लाॅ आदि के साथ इस बिल का विरोध किया जाएगा।

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