अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा का उल्लंघन है वक्फ बिल: लुकमान रमीज

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City24news/ब्यूरो
फरीदाबाद। वक्फ संशोधन बिल आखिरकार जोरदार हंगामे के बाद संसद के दोनों सदनों यानी लोकसभा और राज्यसभा से बहुमत के साथ पारित हो गया है। अब यह राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून बन जाएगा। इसे लेकर कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने विरोध जताया था, मगर सरकार ने सदनों में चर्चा करने के बाद इस पर वोटिंग करा ली, जिसमें यह कानून पास हो गया।

वक्फ बिल के बारे में कांग्रेस के जोनल अध्यक्ष माइनॉरिटी डिपार्टमेंट हरियाणा प्रदेश एवं कोऑर्डिनेटर हरियाणा प्रदेश जिला मेवात प्रभारी ओबीसी सेल लुकमान रमीज ने कहा कि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 25 यानी धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है। अनुच्छेद 25 भारतीय नागरिकों को अपनी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार संपत्ति और संस्थानों का प्रबंधन करने का अधिकार देता है। ऐसे में अगर वक्फ संपत्तियों का प्रशासन बदलता है तो यह धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन हो सकता है।

उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 26 यानी धार्मिक संस्थाओं के प्रशासन का उल्लंघन। यह अनुच्छेद धार्मिक समुदायों को अपनी धार्मिक संस्थाओं को प्रबंधित करने का अधिकार देता है। इस विधेयक से वक्फ बोर्ड के अधिकारों में कमी आ सकती है, जिससे यह प्रावधान प्रभावित हो सकता है।

लुकमान रमीज ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 29 और 30 यानी अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा का उल्लंघन। मुस्लिम संगठनों का दावा है कि यह विधेयक अल्पसंख्यकों को कमजोर कर सकता है और उनकी संपत्तियों को सरकारी नियंत्रण में ले सकता है।

गौरतलब है कि फरवरी, 2023 में एक मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था-कानून बनाना संसद की संप्रभुता है, हम इसमें दखल नहीं देंगे। इस टिप्पणी के साथ शीर्ष अदालत ने एक उम्मीदवार को दो विधानसभा या संसदीय क्षेत्र से एकसाथ चुनाव लड़ने से रोकने की मांग पर विचार करने से इनकार कर दिया था। ऐसे में वक्फ संशोधन विधेयक के मामले में अगर चुनौती दी गई तो सुप्रीम कोर्ट कुछ ऐसा ही कह सकता है।

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