ग्रामीणों ने मोठूका में “वेस्ट टू चारकोल” प्लांट लगाने पर सहमति देने से किया इंकार

समाचार गेट/संजय शर्मा
फरीदाबाद। गांव मोठूका में वेस्ट टू चारकोल प्लांट लगाने के विरोध में ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है। ग्रामीण पिछले 258 दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहे है लेकिन सरकार झुकने का नाम नहीं ले रही है। ग्रामीणों का कहना है कि वेस्ट टू चारकोल प्लांट लगने से जमीन की हरियाली खत्म हो जाएगी और पर्यावरण प्रदूषित होगा। पर्यावरण प्रदूषण से अनेक प्रकार की बीमारी पनप जाएगी। उन्होंने कहा कि हम आने वाली पीढिय़ों को बचाने के लिए सरकार के खिलाफ संघर्ष करेगें। संघर्ष के दौरान यदि उनकी जान भी चली जाए तो कोई गम नहीं होगा।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की हरित कोयला परियोजना के तहत नगर निगम फरीदाबाद और एनटीपीसी द्वारा गांव मोठूका वेस्ट टू चारकोल प्लांट लगाने की योजना तैयार की थी। यहां पर प्रतिदिन पांच सौ टन कूड़े का निस्तारण कर चारकोल बनाया जाना था। एनटीपीसी द्वारा गांव मोठूका की 79 एकड़ जमीन को लिया गया जिसमें से 40 एकड़ भूमि नगर निगम को दे दी गई। वेस्ट टू चारकोल प्लांट लगाने के लिए एनटीपीसी द्वारा ग्रामीणों को बरगलाने का कार्य भी किया गया और एनटीपीसी द्वारा वाराणसी में लगाए गए प्लांट का दौरा भी कराया गया। लेकिन ग्रामीणों ने मोठूका में वेस्ट टू चारकोल प्लांट लगाने पर सहमति देने से इंकार कर दिया।
गांव मोठूका के पूर्व सरपंच राजवीर ने कहा कि हमारी जमीन उपजाऊ है। वन विभाग द्वारा इस जमीन पर पौधे लगाए गए है। यह भूमि पेड़ से हरी भरी बनी हुई है। जिसपर वन्य जीव जैसे नीलगाय,हिरण,गौवंश चारा खाते है। पर्यावरण के लिहाज से यह भूमि सर्वोत्तम है। उसके बावजूद बेरहम सरकार यहां पर कूडा निस्तारण प्लांट लगाने के लिए ग्रामीणों पर दबाव बना रही है। उन्होंने कहा कि यहां पर वेस्ट टू चारकोल प्लांट लगाने से पर्यावरण प्रदूषित होगा। यहां की शुद्ध हवा विषैली हो जाएगी। जल प्रदूषित हो जाएगा और जमीन बंजर हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार जहां पर यह प्लांट लगाना चाहती है उसके नजदीक बीपीएल कॉलोनी,जवाहर नवोदय विद्यालय,अटल बिहारी मेडिकल कॉलेज भी बना हुआ है ऐसे में यहां पर वेस्ट टू चारकोल प्लांट नहीं लगने दिया जाएगा।
ग्रामीणों ने कहा कि सरकार विकास के नाम पर गांवों को बर्बाद करने में तुली हुई है। उन्होंने कहा कि वेस्ट टू चारकोल प्लांट लगाने से पूरे क्षेत्र का वातावरण दूषित हो जाएगा। इस प्लांट को लेकर सरकार के खिलाफ खड़े हुए है। उन्होंने कहा कि मर जाएंगे लेकिन इस प्लांट को लगाने नहीं दिया जाएगा।
ग्रामीण मुरारी लाल ने कहा कि हमारी हरी भरी जमीन है। जब तक यह प्रस्ताव पूरी तरह से रद्द नहीं हो जाता तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। सरकार के खिलाफ महापंचायत करने की योजना बनाई जा रही है।