वैश्य समाज की टिकटें काटने पर भाजपा के विरोध में खड़ा हुआ वैश्य समाज

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City24news/निकिता माधौगढ़िया
रेवाड़ी। अग्रवाल वैश्य समाज हरियाणा ने भाजपा द्वारा वैश्य समाज के नेताओं की टिकट काटे जाने का खुलकर विरोध किया है। समाज के नेताओं ने कहा कि भाजपा ने जिस प्रकार से टिकट वितरण में वैश्य समाज के साथ भेदभाव किया है, इसका बदला वैश्य समाज चुनाव में लेगा। 

अग्रवाल वैश्य समाज की प्रदेश अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला ने कहा कि भाजपा ने दो निवर्तमान विधायक और दो विधायक प्रत्याशी रहे पलवल से दीपक मंगला, गुडग़ांव से सुधीर सिंगला, सोनीपत से कविता राजीव जैन व सिरसा से प्रदीप रातूसरिया के टिकट काटकर दूसरे समाज के लोगों को देने का काम किया है। बुवानीवाला ने कहा कि अगर हिसार से सावित्री जिंदल, सोनीपत से कविता जैन, बहादुरगढ़ से पंकज जैन और गुरुग्राम से नवीन गोयल निर्दलीय भी चुनाव लड़ते हैं तो वैश्य समाज उनका समर्थन करेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने वैश्य समाज को लंच और मंच की व्यवस्था करने तक सीमित कर दिया है। यह बात किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगा।  

बुवानीवाला ने कहा कि भाजपा अब बीते दिनों की बात हो गई है। वैश्य समाज के दम पर पार्टी सत्ता में आई थी, लेकिन अब पार्टी ने वैश्य समाज की अनदेखी करके अपना ही नुकसान करने का काम किया है। समाज की अनदेखी की वजह से अब भाजपा ताश के पतो के महल की तरह बिखरेगी। उन्होंने कहा कि वैश्य समाज के नेता अब केवल पार्टी में पद तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि चुनाव लडक़र विधानसभा और संसद में जाने का काम करेंगे। अशोक बुवानीवाला ने साफ कहा कि वर्तमान के हालातों में राजनीति के बिना कुछ भी नहीं होता और भाजपा ने वैश्य समाज को दरकिनार कर अपने पांव पर कुल्हाड़ी मारने का काम किया है। उन्होंने वैश्य समाज के नेताओं का आह्वान किया कि वह पार्टी से बागी होकर मैदान में उतरे समाज उनका हर तरीके से साथ देगा। 

अग्रवाल वैश्य समाज के प्रदेश महामंत्री राजेश सिंगला व बलराम गुप्ता ने कहा कि पार्टी ने जिस प्रकार से वैश्य समाज के लोगों की अनदेखी की है, वह असहनीय है। उन्होंने कहा कि वैश्य समाज चाहता था कि पार्टी पिछले चुनाव की तुलना में एक दो टिकट ज्यादा दी जाती। भाजपा ने चार टिकट काटकर समाज को संदेश दिया है कि अब शायद भाजपा को वैश्य समाज की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि 2019 के चुनाव में भाजपा ने 90 में से 40 सीट जीती थी। वैश्य समाज से 7 प्रत्याशी जीत कर आए और बाकी 81 में से पार्टी के केवल 33 नेता विधायक बने। उन्होंने कहा कि जिस समाज ने पार्टी को खड़ा करने और पार्टी को सत्ता में लाने का काम किया, अब भाजपा ने उसी की अनदेखी की है। भाजपा ने उसी टहनी को काटा है, जिस टहनी पर वह बैठी है। अब भाजपा को गर्त में जाने से कोई नहीं बचा सकता। 

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