केंद्रीय मंत्री ने ‘पीएम गति शक्ति- कोयला क्षेत्र में राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ किया जारी
City24News@ भावना कौशिश
नई दिल्ली। केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आज कोयला मंत्रालय में एक समारोह में “पीएम गति शक्ति-कोयला क्षेत्र में राष्ट्रीय मास्टर प्लान” लॉन्च किया। इस प्लान का उद्देश्य कोयला क्षेत्र में गहन अंतर्दृष्टि प्रदान करना है, जो की पीएमजीएस-एनएमपी पोर्टल के कोयला मंत्रालय पेज पर उपलब्ध भू-स्थानिक परतों के माध्यम से होगा। यह योजना सरकार की प्रतिबद्धता को उजागर करेगी और कोयला क्षेत्र के विकास और एकीकृत योजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
प्रल्हाद जोशी ने इस अवसर पर पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के महत्व पर बल दिया, जो आधारभूत अवसंरचना परियोजनाओं की योजना बनाने और उन्हें लागू करने के हमारे दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन को चिह्नित करता है। उन्होंने कहा कि पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान, एक व्यापक जीआईएस-आधारित प्लेटफार्म है और यह विभिन्न मंत्रालयों को एक साथ लाता है ताकि लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की समकालिक योजना की सुविधा मिल सके, आर्थिक प्रगति और विकास को उत्प्रेरित करने के लिए ज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार का लाभ उठाया जा सके।
पीएम-गति शक्ति परियोजना, राष्ट्रीय मास्टर प्लान, एक अग्रणी प्रयास है जिसका उद्देश्य आधारभूत अवसंरचना कनेक्टिविटी परियोजनाओं के लिए समकालिक और समग्र योजना को बढ़ावा देना है। विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकार के विभागों के अंतर्गत मौजूदा, चल रही और भविष्य की परियोजनाओं का एक व्यापक डेटाबेस प्रदान करके प्रोत्साहित करना है। इस परियोजना का लक्ष्य मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को बढ़ाना, आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और विदेशी निवेश को आकर्षित करना है।
कोयला मंत्रालय ने पीएम-गति शक्ति पोर्टल की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिये विभिन्न परतों और विश्लेषणात्मक उपकरणों को एकीकृत करने में अग्रणी भूमिका निभाई है। पोर्टल में महत्वपूर्ण जीआईएस परतें जैसे कोलफील्ड सीमाएं, कोयला निकासी प्रणाली, रेलवे साइडिंग का स्थान और भूमि परिसंपत्ति डेटा शामिल हैं, जो हितधारकों को भारतीय कोयला उद्योग की व्यापक समझ प्रदान करते हैं।
कोयला क्षेत्र में पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान जारी करना कोयला क्षेत्र को बदलने और आधारभूत अवसंरचना की योजना और क्रियान्वयन को कारगर बनाने के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सतत विकास को बढ़ावा देने, वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाने तथा देश के नागरिकों के लिए पर्याप्त रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए कोयला मंत्रालय की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।