ऑपरेशन स्माइल के तहत मानव तस्करी निरोधक इकाई ने बाल श्रम करते हुए 6 बच्चों का रेस्कयू किया गया

City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | राष्ट्रीय बाल संरक्षण एवं अधिकार आयोग के राष्ट्रव्यापी अभियान और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अपराध हरियाणा पंचकुला व पुलिस अधीक्षक राज्य अपराध शाखा फ़रीदाबाद के दिशा निर्देश अनुसार ऑपरेशन स्माइल के तहत मानव तस्करी निरोधक इकाई नूह से ए एस आई जगबीर सिंह एचसी धर्मपाल एचसी आजाद ने बाल श्रम करते हुए 6 बच्चों का रेस्कयू किया गया। जिनका सिविल अस्पताल नूंह से शारीरिक चिकित्सा परीक्षण कराकर व शक्ति वाहिनी नूंह से बच्चों की काउंसलिंग कराकर सी डब्लयू नूंह के सम्मुख पेश किया ताकी उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ा जा सके। जो रेस्क्यू किये गये बच्चों के परिवार से फोन द्वारा संपर्क किया गया जो रेस्क्यू किये बच्चों के परिवार वाले हाज़िर सी डब्लूई सी कार्यलय आने पर उन्हें समझाया व बतलाया गया कि किशोर न्याय (बालकों कि देखभाल एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत यदि कोई भी व्यक्ति छोटे बच्चों से बाल श्रम करवा रहा है तो बाल श्रम गतिविधि में शामिल व्यक्ति के खिलाफ 20 हजार से लेकर 50 हजार तक की राशि जुर्माने व 6 महीने की सजा का प्रावधान है बाल श्रम मुक्त कराए गए बच्चों की उम्र 7 से 14 साल के बीच है कुछ बच्चों के परिवार वाले म्यांमार से हैं यहाँ मज़दूरी का काम करते हैं ।बाल श्रम से जुड़े अपराधों के लिए भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 370-374 में सज़ा का प्रावधान है। बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 के मुताबिक, 14 साल से कम उम्र के बच्चे को किसी कारखाने या खान में काम नहीं कराया जा सकता। अगर कोई व्यक्ति 14 साल से कम उम्र या 14 से 18 साल के बीच के बच्चे को किसी खतरनाक काम में लगाता है तो उसे एक से छह महीने की जेल हो सकती है ।