नेशनल हाइवें पर बिकते हुए तिरंगे झंडे और डंडे

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मेरे देश के तिरंगे से महंगा है उसका डंडा
25 रुपये के तिरंगे को फहराने के लिए 50 का मिल रहा डंडा
हर घर तिरंगा की मुहिम तो तेज, लेकिन गरीब तबका परेशान
City24news/कविता गौड़
फरीदाबाद। शहर में हर घर तिरंगा फहराने की मुहिम नौ अगस्त से शुरू हो गई। लेकिन इस मुहिम में जहां एक तरफ लोगों ने तिरंगे अपने घरों के छत्तों पर डंडे से बांधकर फहरा दिए। लेकिन वहीं कुछ लोग ऐसे भी है, जिनके घर पर तिरंगा नहीं फहराया गया। जब इस विषय में लोगों से बात की गई, तो कुछ ऐसी बाते सामने आई, जोकि चौकाने वाली थी। जिसमें सबसे बड़ी बात यह थी कि हमारे देश के झंडे की कीमत जहां राशन डिपो और डाकघरों में 25 रुपये है, वहीं बाहर 30 रुपये में झंडा मिल रहा है, लेकिन वहीं दूसरी तरफ इन झंडों को घरों में लगाने के लिए इस्तेमाल होने वाले डंडे की कीमत सरकार ने तय नहीं किया है। जिसके कारण मनमाने दामों पर डंडा बेचा जा हा है। जहां झंडे की कीमत 25 रुपये थी, वहीं उसे फहराने के लिए इस्तेमाल होने वाले डंडे की कीमत 50 रुपये थी। जिसके कारण लोगों के कदम पीछे हटते नजर आए। कुछ ने झंडे को बिना डंडे के ही घरों के बाहर चिपका दिया, तो कुछ ने घरों में मौजूद डंडे में ही तिरंगे को फहराया। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी नजर आए, जोकि तिरंगे के लिए इस्तेमाल डंडा न खरीद सके।

थोपे निर्देश: लोगों ने बताया कि हर घर तिरंगे का संदेश तो मोदी सरकार ने देश भक्ति की भावना को बढ़ावा देने के लिए दिया है। लोगों ने कहा कि सरकार के द्वारा जारी निर्देशो पर उन्होंने 25 रुपये में झंडे तो खरीद लिए, लेकिन डंडे उन्हें नहीं मिल पाए। उन्होंने कहा कि 50 रुपये की कीमत का डंडा वह नहीं खरीद सकते। जिस कारण उन्होंने झंडे नहीं लगाए। लोगों का कहना है कि सरकार झंडे की तरह डंडे का भी रेट तय कर देती तो अच्छा होता।

बन लिया व्यवसाय: लोगों ने कहा कि सरकार और प्रशासन की तरफ से हर घर तिरंगा अभियान का कुछ लोगों फायदा उठा रहे हैं। वहीं आज सड़कों के किनारे। हर जगह झंडा बेचने का व्यवसाय तेज होता दिख रहा है।

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