बलिदान दिवस भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव श्रद्धांजलि दी गई

City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | तीन दिवसीय चिंतन शिविर 21,22, 23 मार्च को स्वर्गीय राजीव दीक्षित के ग्राम नाह अलीगढ़ में लगाया गया। जिसमें आचार्य राजेश राजीव दीक्षित रतन (रत्न) पुरस्कार से सम्मानित किया। जिसमें शाल और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। यह सम्मान उन व्यक्ति को दिया गया जिन्होंने समाज को जागरूक करने का अथक प्रयास किया हो।राजीव दीक्षित से जुड़े लोग और सामाजिक संगठनों ने भारत के सभी राज्यों से हिस्सा लिया। जिसमें उत्तर प्रदेश के इटावा, एटा, उन्नाव, गोरखपुर अलीगढ़ से और राजस्थान, हरियाणा, पंजाब मध्य प्रदेश महाराष्ट्र उड़ीसा कर्नाटक मुंबई गुजरात आदि कार्यक्रम के संयोजक सत्य प्रकाश माहेश्वरी ने कहा की राजीव दीक्षित का पहला सपना था,” मैं भारत को भारत माता की मान्यताओं के आधार पर फिर से खड़ा करना चाहता हूं और मैं इसी काम में लगा हूं” सत्ता परिवर्तन से हमारी व्यवस्था परिवर्तन नहीं हुई। देश में वैचारिक क्रांति लानी जरूरी है।गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा, हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा का दर्जा मिले, स्वदेशी से स्वावलंबन, भारत आत्मनिर्भर, खुशहाल किसान, स्वदेशी चिकित्सा, वेशभूषा,देसी खानपान, प्राकृतिक कृषि आदि कार्यों को विस्तार दिया जाए। राजीव दीक्षित संस्था के प्रवक्ता रामकुमार शास्त्री ने बताया कि 7लाख से अधिक लोगों ने देश के लिए बलिदान दिया। अभी हमें आजादी नहीं मिली। हमें एक आजादी और चाहिए। उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की गई कि राजीव दीक्षित को भारत रत्न मिलना चाहिए, गांव में राजीव स्मारक स्थल, राजकीय स्कूल का नाम राजीव दीक्षित के नाम से हो। राजीव दीक्षित के नाम से गौशाला और गुरुकुल बनाया जाए। राजीव दीक्षित के नाम से पुस्तकालय बने। इसके लिए एक कमेटी गठित की जाएगी। कमेटी के लोग मांग पत्र लेकर मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ योगी, राज्यपाल उत्तर प्रदेश, जिला उपायुक्त अलीगढ़ मिल जाएगा।इस अवसर पर तस्वीर फोगाट हरियाणा, पवन शर्मा, सत्यप्रकाश माहेश्वरी, मुद्रिका प्रसाद मध्यप्रदेश, संतोष कुमार, दीपक गुप्ता, सूर्य प्रकाश राजस्थान, प्रमोद सिंह मथुरा, कपिल चौधरी, अंकित दीक्षित, चंद्रशेखर दिक्षित अधिवक्ता, मंजू दिक्षित, धर्मेंद्र माहेश्वरी,मौजूद रहे इसके अलावा ग्राम छछेड़ा में बलिदान दिवस पर राजगुरु सुखदेव भगत सिंह हवन करके उन क्रांतिकारियों को याद किया गया जिन्होंने देश की आजादी में अपना अमूल्य योगदान दिया राष्ट्र उन सबका ऋणी हैं।