महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर नूंह में खिराज ए अकीदत
–कांग्रेस नेता महताब अहमद की अध्यक्षता में कार्यक्रम
–जिला कांग्रेस मुख्यालय नूंह पर कांग्रेस नेता चौधरी महताब अहमद की अगुवाई में राष्ट्रपिता को याद कर उन्हें खिराज ए अकीदत पेश की गई।
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | इस दौरान महताब अहमद ने गांधी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हर नागरिक हर साल 30 जनवरी को महात्मा गांधी के जीवन और विरासत का सम्मान करते हैं, जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम के मार्गदर्शक थे। शहीद दिवस के रूप में मनाया जाने वाला यह दिन स्वतंत्रता की खोज में किए गए गहन बलिदानों पर चिंतन का क्षण है। पीसीसी सदस्य महताब अहमद ने कहा कि आज का दिन 1948 में हुई त्रासदी की एक गंभीर याद दिलाता है जब शांति और अहिंसा का समर्थन करने वाले व्यक्ति को नाथूराम गोडसे ने मार दिया था।
महताब अहमद ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक अहम व्यक्ति रहे गांधी ने ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता हासिल करने के लिए अहिंसा और शांतिपूर्ण तरीकों को बढ़ावा दिया। गांधी का प्रभाव भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई से कहीं आगे तक गया। गांधी ने खिलाफत आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, असहयोग आंदोलन और चंपारण सत्याग्रह जैसे आंदोलनों का नेतृत्व करके लाखों लोगों को सत्य और अहिंसा के झंडे तले एक साथ लाया।
महताब अहमद ने कहा कि भले ही आज गांधी हमारे बीच नहीं हैं लेकिन
फिर भी, उनके आदर्श शाश्वत हैं, जो दुनिया भर की पीढ़ियों को प्रेरित करते हैं। महात्मा गांधी की दृष्टि राजनीति से परे थी, उन्होंने एक ऐसी दुनिया की कल्पना की जहां सत्य, अहिंसा और करुणा घृणा और विभाजन को दूर कर सकें।
महताब अहमद ने कहा कि महात्मा गांधी के अनुसार, विकास की किसी भी योजना में मनुष्य को केंद्र में रखा जाना चाहिए। विकास का लंबी अवधि के लिए अपनाना होगा, मनुष्य को प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करना चाहिए। उद्देश्य गरीबी के सागर में समृद्धि के द्वीप बनाना नहीं होना चाहिए, बल्कि जीवन स्तर को ऊपर उठाना और गरीबी से लड़ना होना चाहिए।
महताब अहमद ने कहा कि गांधी ने प्राकृतिक संसाधनों पर आम आदमी के अधिकार को स्थापित करने के लिए अभूतपूर्व तरीका अपनाया, जिनमें नमक सबसे बुनियादी और प्राथमिक है। महताब अहमद ने कहा कि मेवात से गांधी का विशेष रिश्ता रहा है।