यातायात निरीक्षक ने कनीना महाविद्यालय के विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा के लिए किया जागरूकता

-मोटर व्हीकल एक्ट तथा सडक सुरक्षा-जीवन रक्षा पर किया फोकस
City24news/सुनील दीक्षित
कनीना | पीकेएसडी राजकीय महाविद्यालय कनीना में बृहस्पतिवार को सड़क सुरक्षा विषय पर एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें यातायात निरीक्षक अनिल कमाडों ने महाविद्यालय के विद्यार्थियों को सडक सरक्षा-जीवन रक्षा का सूत्र अपानते हुए यातायात नियमों का पालन करने का पाठ पढाया। उन्होंने विद्यार्थियों व शिक्षकों को सड़क दुर्घटनाओं व उनसे जुड़े कानूनी पहलुओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लापरवाही से वाहन चलाना भारतीय दंड संहिता की धारा 279 की श्रेणी में आता है जो दंडनीय अपराध है। सडक दुर्घटना में किसी व्यक्ति की मृत्यु होने की स्थिति में धारा 304 का अपराध माना जाता है जो लापरवाह ड्राइविंग के कारण घटित होती है, जिसमें चालक को सजा का प्रावधान है। मोटर वाहन अधिनियम की धारा 185 में नशे की हालत में वाहन चलाने पर कठोर दंड का प्रावधान है। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि कोई व्यक्ति सड़क पर दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को अस्पताल पहुँचाता है, तो उस पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं होगी। भारत सरकार की ओर से वर्ष 2016 में ‘गुड समेरिटन गाइडलाइंस’ जारी की थीं, जिनके तहत ऐसे मददगार व्यक्ति को पुलिस पूछताछ या कानूनी झंझट में नहीं फँसाया जाएगा। बल्कि, कई मामलों में सरकार द्वारा उन्हें पुरस्कृत और सम्मानित भी किया जाता है। इस व्यवस्था का उद्देश्य आम जनता को यह प्रेरित करना है कि वे दुर्घटनाग्रस्त लोगों को तुरंत अस्पताल पंहुचाएं और उनकी जान बचाने में मदद करें।
शिक्षक प्रोफेसर हरीओम भारद्वाज व डॉ. कांता यादव ने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए यातायात नियमों का पालन करना प्रत्येक व्यक्ति का कत्र्तव्य होना चाहिए जो जीवन की सुरक्षा से जुड़ा हुआ अहम पहलु है। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी केवल कानून का पालन करवाने तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज को शिक्षित और जागरूक करने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। इस अवसर पर डॉ. भारती यादव, डॉ. आशा यादव, ज्योति यादव, राहुल एवं प्रवीण कुमार उपस्थित थे।
कनीना-राजकीय महाविद्यालय कनीना में सडक सुरक्षा व मोटर व्हीकल एक्ट के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी देते शिक्षक व यातायात निरीक्षक अनिल कमाडों।