लगातार तीसरे महिने हो रही बारिश से बाजरे की फसल में बढ रही नुकसान की संभावना

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बिमारियों को मिल रहा बढावा
City24news/सुनील दीक्षित
कनीना
| स|वन-भादो के बाद आश्विन मास के प्रारंभ में बारिश होने से खरीफ फसल में नुकसान की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। कमोबेश तीसरेे महिने बारिश होने सेे भादो माह की चिपचिपी गर्मी से भले ही छुटकारा मिला लेकिन अधिक बारिश से फसल को नुकसान हो रहा है तथा बिमारियों को भी बढावा मिलने लगा है। ज्येष्ठ-आषाढ मास सूखा रहने के चलते क्षेत्र में दो माह बाद बाजरा फसल बिजाई की गई थी जो अब पकाव की ओर है। लगातार बारिश होने से बाजरे की फसल गिरने से नुकसान होने लगा है। कनीना खंड के गांव खेडी के किसान मोती कुमार, रामबास के किसान सत्यवीर सिंह, सुभाष चंद, छितरोली के नरेंद्र सिंह, नांगल के रोशन लाल, मदन लाल, रसूलपुर के शेरसिंह ने बताया कि मौसम साफ रहने की जरूरत है। उन्होंने बारिश से खराब हो रही फसल के मुआवजे की मांग की है। कृषि विभाग के एडीओ डाॅ विकास यादव ने बताया कि कनीना खंड में करीब 33 हजार हैक्टेयर कृषि योज्य भूमि में से 20 हजार हैक्टेयर भूमि पर बाजरे,6 हजार हैक्टेयर में गवार की फसल खडी है। 6900 हैक्टेर भूमि पर कपास तथा 98 हैक्टेयर रक्बे में मंूग की बिजाई की गई है। क्षेत्र में अब तक बेहतर हालत में खडी फसल में बरसात होने से नुकसान की संभावना बन रही है। उन्होंने बताया कि सप्ताहभर के अंतराल तक बारिश की संभावना बनी हुई है। किसान फसलों में सिंचाई न करें।

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