अंबेडकर के दिए संविधान को आज बचाने की जरूरत: विधायक आफताब अहमद
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | जिला कॉंग्रेस मुख्यालय नूंह पर डॉ. भीम राव अंबेडकर की पुण्यतिथि पर कॉंग्रेस विधायक चौधरी आफताब अहमद की अगुवाई में उन्हें कॉंग्रेस के लोगों ने खिराज ए अकीदत पेश की। इस दौरान अंबेडकर के जीवन पर प्रकाश डाला गया।
विधायक आफताब अहमद ने कहा कि बाबासाहेब भीम राव अंबेडकर भारतीय इतिहास में एक महान व्यक्तित्व हैं। भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार होने से लेकर दलित वर्गों के लिए समानता और सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने तक, भारतीय समाज में उनके अपार योगदान को उनकी पुण्य तिथि पर खिराज ए अकीदत पेश की।
विधायक आफताब अहमद ने कहा कि
डॉ. अंबेडकर के प्रारंभिक जीवन और शिक्षा ने सामाजिक न्याय के लिए एक मुख्य नेतृत्वकर्त्ता एवं भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार के रूप में उनके भविष्य की आधारशिला रखी। उनकों अपने जीवन के शुरुआती वर्षों में जातिगत भेदभाव की कठोर वास्तविकताओं का सामना करना पड़ा। बचपन में सामाजिक बहिष्कार और अपमान का सामना करने के उनके अनुभव ने उनमें जाति व्यवस्था के अन्याय के खिलाफ लड़ने का गहरा संकल्प पैदा कर दिया।
विधायक आफताब अहमद ने कहा कि
डॉ. अंबेडकर की शैक्षणिक यात्रा मुंबई से प्रारम्भ हुई, जहाँ वे पहले दलित छात्रों में से एक थे। भेदभाव का सामना करने के बावजूद, उन्होंने शैक्षणिक रूप से उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, जो उन्हें न्यूयॉर्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय तक ले गया। कोलंबिया विश्वविद्यालय उनके जीवन के लिए परिवर्तनकारी सिद्ध हुआ, वहां उन्होनें समाजशास्त्रियों और अर्थशास्त्रियों के कार्यों के साथ-साथ स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के सिद्धांतों से अवगत हुए, जो बाद में उनके दृष्टिकोण का आधार बन गए।
विधायक आफताब अहमद ने कहा कि
विदेश में अपनी पढ़ाई पूरी करने के पश्चात्, डॉ. बी.आर. अंबेडकर वर्ष 1920 के दशक की शुरुआत में भारत लौट आए। उस समय भारतीय समाज में व्याप्त सामाजिक अन्याय भीमराव रामजी को जाति भेदभाव के उन्मूलन और हाशिए पर रहने वाले लोगों के उत्थान के लिए आजीवन संघर्ष की राह पर ले गया।
विधायक आफताब अहमद ने कहा कि
बाबासाहेब का मानना था कि केवल पर्याप्त राजनीतिक प्रतिनिधित्व ही अछूतों की सामाजिक स्थिति में सुधार ला सकता है। इसलिए, उन्होंने अपने समाचार पत्रों, सामाजिक- सांस्कृतिक मंचों और सम्मेलनों के माध्यम से अछूतों को संगठित करना शुरू किया।
आफताब अहमद ने बताया कि 1924 में, डॉ. भीमराव ने दलितों के बीच शिक्षा को बढ़ावा देने और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से बहिष्कृत हितकारी सभा की स्थापना की। उन्होंने दलितों की चिंताओं को आवाज देने के लिए मूकनायक, बहिष्कृत भारत और समता जनता जैसे कई पत्रिकाएँ भी शुरू की।
विधायक आफताब अहमद ने कहा कि
बाबासाहेब अंबेडकर के नेतृत्व में किए गए पहले प्रमुख सार्वजनिक कार्यों में से एक 1927 का महाड़ सत्याग्रह था, जिसका उद्देश्य महाराष्ट्र के महाड़ में सार्वजनिक कुएं से जल का उपयोग करने के दलितों के अधिकारों को स्थापित करना था। इसी तरह, 1930 के कलाराम मंदिर आंदोलन का उद्देश्य दलितों को हिंदू मंदिरों में प्रवेश करने का अधिकार सुरक्षित करना था।
विधायक आफताब अहमद ने कहा कि
सामाजिक सुधार के लिए कानूनी मार्गों के महत्त्व को पहचानते हुए, डॉ. बी.आर. अंबेडकर ने भी ब्रिटिश अधिकारियों के सामने दलितों का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने लंदन में गोलमेज सम्मेलनों में दलितों के प्रतिनिधि के रूप में भाग लिया, और दलितों के राजनीतिक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए उनके लिए अलग निर्वाचन क्षेत्रों की वकालत की। बाबासाहेब के प्रयासों का परिणाम 1932 के पूना पैक्ट के रूप में सामने आया, जिसने आम निर्वाचन क्षेत्रों में दलितों के लिए आरक्षित सीटों का प्रावधान किया।
विधायक आफताब अहमद ने कहा कि
कई दशकों तक विस्तृत, डॉ. बी.आर. अंबेडकर की राजनीतिक यात्रा विधायक, पार्टी नेता, भारतीय संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष और स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि मंत्री जैसी भूमिकाओं से भरी रही हैं।
भारतीय राजनीति में डॉ. बी.आर. अंबेडकर की सबसे स्थायी विरासत संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में उनकी भूमिका है, जो भारतीय संविधान की रूपरेखा तैयार करने के लिए जिम्मेदार थी। अस्पृश्यता के उन्मूलन और कुछ पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण जैसे प्रावधानों को शामिल करना जातिगत भेदभाव और असमानता के खतरों से मुक्त स्वतंत्र भारत के उनके दृष्टिकोण को दर्शाता है।
इस दौरान महेंद्र सिंह आकेड़ा जिला अध्यक्ष एससी सेल, छज्जू सरपंच मालब, मदन तंवर पार्षद नूंह, चरण सिंह सरपंच इंडरी, सुरेन्द्र मंत्री आकेड़ा, परवीन चैयरमैन इंडरी, पुरषोत्तम गांगोली, कृपा राम आकेड़ा, प्रताप आकेड़ा, हीरालाल मालब, रम्मी उर्फ रमेश नूह, चौ० सपात मेवली, हाजी नईम फिरोजपुर नमक, आमिल चैयरमैन सालाहेड़ी, वहीद सलम्बा, अरशद चैयरमैन टाई, अलीजान सरपंच बड़का, ज़क्की सलम्बा, मकसूद अड़बर सहित अन्य कांग्रेस जन मौजूद रहे।