त्योंहार पर बाजार में आई मिलावटी मिठाई की बहा

0

-जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान
-फूड सेफ्टिी अधिकारी के पास चार जिलों का चार्ज

City24news/सुनील दीक्षित
कनीना | त्योंहार के नजदीक आते ही बाजार में मिलावटी मिठाई, घेवर का कारोबार फल-फूल रहा है। मिठाई निर्माता गुणवत्ता को दरकिनार कर सजा रहे हैं। जिसके सेवन से स्वास्थ पर बुरा प्रभाव पडने की अधिक संभावना रहती है। खाद्य वस्तुओं की गुणवत्ता को दरकिनार कर दुकानदार महंगे दामों पर मिलावटी मिठाई बेच रहे हैं। फूड सेफ्टिी अधिकारी तथा जिला प्रशासन के आदेश उनके सामने धराशाई हो रहे हैं। एडवोकेट सतीश भाटोटिया, वीरेंद्र सिंह, सत्यवीर सिंह रामबास, मोती लाटा खेडी ने बताया कि मिलावटी मिठाई की तर्ज पर देश-प्रदेश में फास्ट फूड व जंक फूड का प्रचलन भी दिनोंदिन बढता जा रहा है। इसका व्यवसाय करने वाले लोग भले ही आर्थिक रूप से फल-फूल रहे हों लेकिन इसका इस्तेमाल करने वाले व्यक्तियों के स्वास्थ पर बुरा प्रभाव पड रहा है। बिमारियां उनके पीछे पड रही हैं। फास्ट फूड में शामिल पीजा,बर्गर,चाऊमीन,गोलगप्पे, दहीभल्ले,छोले-भटूरे, सैंडविच,पनीर-कुलचे इत्यादि की ओर बच्चे से लेकर जवान तक बहुत आकर्षित हो रहे हैं। सडक किनारे धूल-मिट्टी तथा मच्छर-मक्खियों के चंगुल में फंसे इन खाद्य पदार्थों को चटखारे से खाया जा रहा है। लैब टेस्टिंग में भले ही इन खाद्य पदार्थों के सभी नमूने फेल हो जाएं लेकिन युवक-युवतियों की नजरों में वे पूर्णरूप से मेरिट पर हैं। ये खाद्य पदार्थ पैसे खर्च कर बिमारी मोल खरीदने जैसे हैं। कनीना सब डिवीजन के विभिन्न गावों एवं शहर में मिठाई एवं फास्ट फूड के सैकडों बूथ संचालित हैं। आजकल इसकी बिक्री ऑनलाईन भी होने लगी है। जिससे स्वास्थ्य स्थिति तार-तार हो रही है। गुणवत्ता को बनाए रखने व आमजन के स्वास्थ की रक्षा करने वाली सरकार व स्वास्थ विभाग की अहम जिम्मेवारी बनती है। जो समय-समय पर ऐसे बूथों पर जाकर उसकी गुणवत्ता की जांच कर स्वच्छता का अवलोकन करें ओर संदेहजनक व दूषित खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर लैब में जांच करवाएं। लैब में सैंपल फेल होने पर दुकानदार के खिलाफ हत्या जैसी धारा के तहत केस दर्ज किया जाए।  
 इस बारे में नागरिक अस्पताल नारनौल में कार्यरत डॉ.दिनेश कुमार ने बताया कि मिलावटी मिठाई तथा फास्ट फूड का इस्तेमाल स्वास्थ पर बहुत बुरा प्रभाव डालता है। उनकी राय में दूषित मिठाई एवं फास्ट फूड खाने से घर के खाने की आदत छूट जाती हैै वहीं ये भोजन नियमित लेने से अपच,गैस बनने सम्बंधी समस्या, लिवर को कमजोर करने, मधुमेह,बीपी, बवासीर, हार्ट प्रोब्लम, कैंसर, आतों की सफाई न होने देने की समस्या,दांत-मसूडों के खराब होने की समस्या तथा त्वचा रोग सम्ंबधी विकार उत्पन्न हो जाते हैं। इम्युनिटी घट जाती है तथा मोटापा बढने लगता है।  
क्या कहते हैं फूड सेफ्टि अधिकारी
इस बारे में फूड सेफ्टि अधिकारी डॉ.राजेश वर्मा ने बताया कि उनके पास महेंद्रगढ, रेवाडी, झज्जर, पलवल जिलों का कार्यभार है। भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की देखरेख में फूड सेफ्टि एक्ट लागू है। दूध व मिठाई विक्रेताओं को अपनी दुकानों का पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। खाद्य पदार्थों के निर्माता, पैकर्स,होल सेलर्स,निर्यात-आयात करने वाले, होटल-रेस्टोरेंट, क्लब,कैंटीन, मिठाई, आइसक्रीम सहित ऐसे दुकानदार जो परिवहन एवं भंडारण करने वाले हैं। वे सभी इस एक्ट के दायरे में आते हैं। खाद्य पदार्थों में मिलावट करने तथा एक्सपायरी डेट के बाद सामान बेचे जाने तथा फास्ट फूड की निम्न गुणवत्ता वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। जल्द ही नमूने लिए जाएगें। आमजन के स्वास्थ से खिलवाड नहीं होने दिया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *