बड़कली चौक में समस्याओं का अंबार ,शिकायतों के बाद भी नहीं हो रहा है समाधान
आखिर कब नसीब होंगी जन सुविधाएं
आखिर कब खत्म होंगी, इंतजार की घड़ियां
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | प्रदेश भर में मेवात की राजनैतिक राजधानी के नाम से विख्यात बड़कली चौक में जन समस्याएं सिरसा मुख के समान बनी हुई है। बार-बार समस्याओं के समाधान के लिए संत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुके हैं। लेकिन समस्याओं का कोई समाधान ना होने की वजह से जनता में शासन व प्रशासन के खिलाफ नाराजगी व्याप्त है । सर्व जातीय सेवा समिति के उपाध्यक्ष व सामाजिक कार्यकर्ता रजत जैन ने बताया कि चौक में ना तो सुलभ शौचालय की व्यवस्था है ना ही वाटर कूलर ना ही स्ट्रीट लाइट, नाही उचित संख्या में सीसीटीवी कैमरे की कोई व्यवस्था है। दूसरी ओर चौक में चारों ओर फैली गंदगी व अतिक्रमण जले पर नमक छिड़कने का कार्य कर रहा है। रजत ने बताया की चौक पर स्थानीय जनता के साथ- प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर की जनता अपने निजी व सरकारी कार्य करवाने के लिए आती जाती है। लेकिन सार्वजनिक प्याऊ की कोई व्यवस्था ना होने की वजह से आने जाने वाली जनता व दुकानदारो को बाजार से बोतल बंद या डिब्बा का पानी खरीद कर अपनी प्यास बुझाने को विवश है। जिसकी वजह से चौक पर सार्वजनिक आरओ सहित जल शीतल करण मशीन (वाटर कूलर) लगानी चाहिए। जैन ने बताया की बड़कली चौक पर कोई सुलभ शौचालय ना होने की वजह से आने वाली जनता मे विशेषकर मातृशक्ति को शंका व लघु शंका करने में काफी कठिनाई के साथ शर्मिंदगी का भी सामना करना पड़ता है। चौक में कई बार जनता के साथ लूटपाट व महिलाओं के साथ बदसलूकी घटनाएं भी हो चुकी है। जिसकी वजह से चौक पर चंहुदिशा में उचित संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगवाना भी अनिवार्य है। चौक में हाई मास्क लाइट की व्यवस्था ना होने की वजह से रात्रि के समय में जनता को आवागमन में भय का वातावरण बना रहता है। रजत ने बताया की चौक में चारों ओर फैली गन्दगी की वजह से मच्छरों का आतंक मचा रहता है वही चौक में फैला अतिक्रमण समस्याओं में वृद्धि कर रहा है। वाहन चालक आड़े तिरछे वाहन लगाकर समस्या में वृद्धि कर देते हैं । जिसकी वजह से अक्सर चौक में जाम की स्थिति बनी रहती है।चौक पर बस अड्डा तो दूर की बात है यात्रियों के खडे होने तक के लिए बसक्यू शेल्टर तक की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। जिसकी वजह से यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए वर्षा, गर्मी, सर्दी आदि मौसम में खुले आसमान के नीचे खड़े होकर संसाधनों का इंतजार करना पड़ता है। चौक पर लगभग 20 वर्ष पूर्व दुर्घटना रहित यात्रा व सुरक्षित यातायात व्यवस्था की दृष्टि से चौक पर ट्रैफिक लाइट सिग्नल लगाए गए लेकिन सिगनलों के प्रारंभ होने से पहले ही चौक से ट्रैफिक लाइट सिग्नल गायब हो गए हैं यहां तक की कुछ के तो अवशेष भी बकाया नहीं रहे। चौक पर पानी निकासी के लिए बनाएं गए नाले अवरुद्ध पड़े हुए हैं ,जिसकी वजह से चौक पर पानी भरा रहता है। चौक के मार्गों की हालत इतनी दयनीय है, यही पता नहीं चल पाता की मार्ग में गड्ढे हैं या गढ़ों में मार्ग है। सर्विस लाइन का तो इतना बुरा हाल है कि वाहन लेकर निकलना तो दुर्भर है ,व्यक्ति का पैदल निकल पाना भी दुश्वार है।
आखिर कब तक होती रहेगी अनदेखी:- रजत जैन ने बताया की बड़कली चौक में आए दिन कोई ना कोई छोटा या बड़ा राजनेता आता जाता रहता है और जनसभाएं कर विकास के लंबे चौड़े दावे करते हैं वही प्रशासनिक अधिकारियों का भी आवाजाही लगी रही है। चुनाव के समय में अनेक पार्टियों के नेता इसी चौक में विकास के लंबे चौड़े दावे कर जाते हैं लेकिन चुनाव के बाद शायद राजनेता अपने वादों को भूल चुके हैं तभी तो अन्य विकास तो दूर की बात है बड़कली चौक पर जनहित में जन आवश्यकताओं ,सुविधाओं की भी व्यवस्था ना होना अपने आप में एक गंभीर चिंता,चिंतन, मंथन का विषय है। बड़कली चौक पर कई छोटे बड़े राजनेताओं के कार्यालय व आवास भी बने हुए हैं। आखिर कब तक ये अनदेखी होती रहेगी और उन्हें कब उनकी जन आवश्यकताएं पूर्ण होगी। कब खत्म होगी इंतजार की घड़ियां। एक बार फिर चुनावी मौसम में वादों की झड़ियां लगेंगी ,लेकिन जनता में उक्त प्रश्न बना रहेगा की ये वादे सिर्फ वादे रहेंगे या उन्हें जन सुविधा प्राप्त होगी।