सिवानी मंडी में ट्रिपल इंजन सरकार का तीसरा इंजन हांफता, मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसते नागरिक

City24news/सोनिका सूरा
सिवानी | चेयरपर्सन वंदना राजेश केडिया के अनुसार, सिवानी मंडी की व्यवस्था लंबे समय से खराब थी, जिसे सुधारने के लिए वे सभी विभागों के अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रही हैं। पेयजल समस्या के बारे में उन्होंने बताया कि नहरों की सफाई चल रही है, जिसके कारण पानी की आपूर्ति बाधित है।
हरियाणा के सिवानी मंडी में हाल ही में संपन्न हुए नगरपालिका चुनावों के बाद भी नागरिकों को मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार, बहुचर्चित ‘ट्रिपल इंजन’ सरकार का तीसरा इंजन कहे जाने वाली नगरपालिका परिषद का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। चुनाव हुए लगभग एक महीना ही बीता है, लेकिन शहर में पेयजल, बिजली और सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है, जिससे नागरिकों में भारी आक्रोश है।
शहर के निवासी पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं। आलम यह है कि पांच से छह दिनों के अंतराल पर मात्र 20 से 25 मिनट के लिए पानी की आपूर्ति हो रही है। यह नाममात्र की आपूर्ति नागरिकों की दैनिक जरूरतों को पूरा करने में बिल्कुल भी सक्षम नहीं है। मजबूरन, आम नागरिक अपनी प्यास बुझाने और अन्य घरेलू कार्यों के लिए निजी पानी सप्लायरों का सहारा लेने को विवश हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर भी अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।
पानी की समस्या के साथ-साथ बिजली की अनियमित आपूर्ति ने भी लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। पिछले कुछ दिनों से शहर में बिजली के लंबे-लंबे कट लग रहे हैं, जिससे घरों में अंधेरा छा जाता है और दैनिक कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। गर्मी के इस मौसम में बिजली की कटौती विशेष रूप से कष्टदायक साबित हो रही है।
यदि पेयजल और बिजली की समस्या कम थी, तो शहर की सफाई व्यवस्था भी बदहाल है। चारों तरफ गंदगी का आलम है और पूरे दिन धूल उड़ती रहती है, जिससे वातावरण अस्वस्थ बना हुआ है। सड़कों और गलियों में कचरे के ढेर लगे हुए हैं, जो न केवल बीमारियों को बढ़ावा दे रहे हैं बल्कि शहर की सुंदरता को भी ग्रहण लगा रहे हैं।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि नगरपालिका चुनावों के दौरान किए गए वादे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। ‘ट्रिपल इंजन’ सरकार, जिसमें केंद्र, राज्य और स्थानीय निकाय में एक ही पार्टी या गठबंधन की सरकार होने का दावा किया जाता है, सिवानी मंडी में अपनी उपस्थिति का कोई सकारात्मक प्रभाव नहीं दिखा पा रही है। लोगों में इस बात को लेकर गहरी निराशा है कि चुनाव के तुरंत बाद ही मूलभूत सुविधाओं की ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है।
इस गंभीर स्थिति को लेकर नागरिकों में रोष व्याप्त है और वे जल्द ही नगरपालिका प्रशासन से ठोस कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं। उनका कहना है कि यदि स्थिति में सुधार नहीं होता है तो वे आंदोलन करने के लिए भी मजबूर हो सकते हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि नवनिर्वाचित नगरपालिका परिषद नागरिकों की इस गंभीर समस्या पर कब ध्यान देती है और उन्हें कब तक राहत मिलती है। सिवानी मंडी के नागरिक आज मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं और उन्हें एक ऐसी सक्षम स्थानीय सरकार की आवश्यकता है जो उनकी दैनिक जरूरतों को पूरा कर सके।