हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने किया स्कूली बसों का औचक निरीक्षण
सुरक्षित स्कूल वहां पॉलिसी के तहत की गई कार्रवाई
आयोग के सदस्यों सुमन राणा में गणेश कुमार ने अभिभावकों से की अपने बच्चों को सुरक्षित वाहनों में स्कूल भेजने की अपील
अनियमितता पाए जाने पर विभिन्न स्कूलों पर किया 7 हजार रुपए का चालान
City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग पंचकूला द्वारा नूंह जिले के निजी स्कूल की बसों का औचक निरीक्षण किया गया। बाल आयोग के आदेशानुसार जिला स्तरीय निरीक्षण टीम का गठन किया गया, जिसकी अगुवाई हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग पंचकूला के सदस्यों सुमन राणा व गणेश कुमार ने की। टीम का नेतृत्व करते हुए हरियाणा बाल आयोग, पंचकूला के सदस्यों सुमन राणा व गणेश कुमार बताया पूरे हरियाणा राज्य में परिवहन विभाग हरियाणा द्वारा निर्धारित सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी अधिनियम के तहत दी गई। 28 शर्तो की अनुपालना की मॉनिटरिंग की शुरुआत की जा चुकी है, जिसके तहत जिला स्तर पर सभी संबंधित विभागों की टीम बनाकर स्कूल बसों का निरीक्षण किया जा रहा है।
वीरवार को नूंह से इसकी शुरुआत करते हुए आयोग के सदस्यों ने बताया कि बसों में विशेष रूप से प्राथमिक उपचार किट, अग्निशामक यंत्र, स्कूल प्रशासन के नम्बर, पुलिस, चाइल्ड लाइन नम्बर, बसों में सीसीटीवी कैमरा, स्कूलों के फोन नम्बर, बस एटेंडेंट या कंडक्टर का होना, बसों में रूट चार्ट, बसों में सिटिंग से ज्यादा बच्चों का न होना, स्पीड नियंत्रक का होना, बसों में जीपीएस सिस्टम होना, बसों सीट बैल्टों का होना इत्यादि व बच्चों का जागरूक होना जांचा जा रहा है, जिसके तहत आज नूंह के सेंट स्टीफंस इंटरनेशनल स्कूल किरा, प्रभात पब्लिक स्कूल छछेड़ा, श्रद्धानंद सीनियर सेकेंडरी स्कूल आलदौका, मारिया मंजिल स्कूल नूंह, आरके इंटरनेशनल स्कूल नूंह, गीसी सीनियर सेकेंडरी स्कूल तावड़ू, हिंद मॉडल स्कूल तावडू़, चंद्रावती पब्लिक स्कूल तावडू की बसों का निरीक्षण किया। इस दौरान कुछ स्कूलों की बसों में कुछ खामियां मिली जिसकी तुरंत प्रभाव से सुधारीकरण के लिए सभी स्कूल प्रबंधकों को सख्त हिदायतें दी गई तथा मौके पर आरटीए व ट्रैफिक पुलिस नूंह द्वारा कुछेक स्कूल बसों के चालान भी किए गए। उन्होंने बताया कि टीम द्वारा जिले के 25 स्कूलों पर सात हजार रुपए के चालन किए गए है।
साथ ही आयोग की टीम द्वारा बस ड्राइवरों, कंडक्टरों व महिला बस सहायकों को सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के नियमों की जानकारियां भी प्रदान की गई ताकि स्कूल के बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकें। इसके अलावा खासतौर पर टीम द्वारा यह भी देखा गया इनमें से कुछ स्कूलों में बच्चे इको गाडिय़ों व ऑटो से भी आते है जोकि बहुत ही जोखिम भरा होता है, परंतु स्कूल प्रबंधक इससे अपना पल्ला झाड़ रहे है, जिसके लिए माता-पिता व अभिभावकों को जागरुक होना बहुत ही जरुरी है बच्चों को अनाधिकृत वाहनों से स्कूल भेजना जान-माल की हानि होने का बहुत बड़ा कारण बन सकता है।
आयोग व टीम के अन्य सदस्यों ने सामूहिक रुप से बसों का बारीकी से औचक निरीक्षण किया ताकि हमारे देश के भविष्यों की सुरक्षा में कोई चूक न रह जाए, बाल आयोग के सदस्य गणेश कुमार व सुमन राणा ने बताया कि हरियाणा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, स्कूलों बसों को लेकर काफी गंभीर है पूरे राज्य में सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी की सही अनुपालना करवाना ही आयोग का उद्देश्य है ताकि बच्चों के साथ कोई और दुर्घटना ना हो पाए। अंत में आयोग के सदस्यों ने जिले के सभी माता-पिता व अभिभावों से एक अपील व गुजारिश भी की कि अपने घर के चिरागों को असुरिक्षत वाहनों से स्कूल न भेजे, थोड़ी धनराशि व समय बचाने के चक्कर में अपने नौनिहालों के जीवन को खतरे में न धकेलें।
इस अवसर पर ट्रैफिक पुलिस से प्रताप सिंह, सतपाल यादव, जिला बाल संरक्षण अधिकारी आबिद हुसैन, बाल सरंक्षण ईकाई के चैयरमेन राजेश छौकर, एफएलएन कॉर्डिनेटर कुसुम मलिक, शक्ति वाहिनी सुरेंद्र सिंह सहित अन्य संबंधित अधिकारीगण मौजूद रहे।