प्रदेश सरकार ने शुरू की सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए नकद रहित उपचार पायलट योजना 

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-सड़क दुर्घटना में घायल को इलाज के लिए मिलेगी डेढ़ लाख रुपए तक की सहायता : उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा
-इलाज संबंधी कोई भी परेशानी आने पर हेल्प लाइन नंबर-14555 पर की जा सकती है कॉल 

City24news/अनिल मोहनिया
नूंह  | प्रदेश सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों को कम करने की प्रतिबद्धता व मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 162 के तहत कानूनी अनिवार्यता के अनुरूप, मोटर वाहनों के उपयोग से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को नकद रहित उपचार प्रदान करने के लिए एक पायलट योजना शुरू की है। इसका उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को समय पर चिकित्सा देखभाल प्रदान करने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना है, जिसमें गोल्डन ऑवर भी शामिल हैं, ताकि सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों के आंकड़ों को कम किया जा सके। 

 उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने सड़क सुरक्षा समिति की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए नकद रहित उपचार हेतु पायलट योजना के अंतर्गत घायलों के उपचार के लिए डेढ़ लाख रुपए तक की सहायता राशि उपलब्ध करवा रही है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) पुलिस व स्वास्थ्य विभाग आदि के साथ समन्वय से इस योजना का क्रियान्वयन करना सुनिश्चित किया जाए। इस योजना के तहत दुर्घटना की तिथि से अधिकतम सात दिनों की अवधि के लिए प्रत्येक दुर्घटना के लिए पीड़ितों को अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक के कैशलेस उपचार का अधिकार मिलेगा। यह योजना किसी भी श्रेणी की सड़क पर मोटर वाहन के उपयोग के कारण होने वाली सभी सड़क दुर्घटनाओं पर लागू रहेगी। उपचार प्रदान करने के लिए अस्पतालों द्वारा उठाए गए दावों की प्रतिपूर्ति मोटर वाहन दुर्घटना निधि से की जाएगी। इस योजना को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के ई-डीएआर एप्लीकेशन और एनएचए के ट्रांजेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम (टीएमएस) की कार्यक्षमताओं को मिलाकर एक आईटी प्लेटफॉर्म के माध्यम से लागू किया जाएगा। 

 उन्होंने बताया कि जिन पीड़ितों को दुर्घटना के समय से 24 घंटे बीतने के बाद पहली बार अस्पताल में भर्ती कराए जाने पर उसे इस योजना के तहत पात्र नहीं माना जाएगा। पीड़ित अपनी संबंधित पात्रता मानदंडों के अनुसार अन्य लागू योजनाओं, कार्यक्रमों आदि के तहत उपचार का लाभ उठाने के लिए स्वतंत्र होगा। इस योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध अस्पतालों के माध्यम से उपचार प्रदान किया जाएगा। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) अस्पतालों को इस योजना के लिए सूचीबद्ध माना जाएगा। अस्पतालों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार सूचीबद्ध किया जाएगा। सभी अस्पतालों को ट्रांजेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम (टीएमएस) पर अपनी विशिष्ट स्वास्थ्य सुविधा रजिस्ट्री (एचएफआर) आईडी दर्ज करके इस योजना के लिए सूचीबद्ध होने की सुविधा प्रदान की जाएगी, जिसके माध्यम से उनके विवरण सूचीबद्ध करने के उद्देश्य से स्वत: प्राप्त हो जाएंगे। सूचीबद्ध अस्पतालों को इस योजना के अंतर्गत उपचार प्रदान करने के लिए अस्पताल सूचीबद्ध करने, रोगी भर्ती करने, पूर्व प्राधिकरण, दावा निपटान आदि के संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की अनुपालना करनी होगी। 

उपायुक्त विश्राम कुमार मीणा ने सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को योजना उचित क्रियान्वयन के संबंध में जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि इस योजना का लाभ लेने में अगर किसी व्यक्ति को कोई परेशानी आती है तो वह हेल्प लाइन नंबर-14555 पर कॉल कर सकता है। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप सिंह मलिक, एसडीएम फिरोजपुर झिरका डा. चिनार चहल, एसडीएम नूंह प्रदीप सिंह अहलावत, एसडीएम पुन्हाना संजय सिंह, एसडीएम तावड़ू संजीव कुमार,

आरटीए सचिव मुनीष सहगल, डीएसपी अजायब सिंह सहित अन्य विभागों से अधिकारी उपस्थित थे। 

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