अंतर्राष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद द्वारा आयोजित भगवा त्रिशूल यात्रा का रविवार को जिला नूंह में पहुंची

City24news/अनिल मोहनिया
नूंह | जहां इसका भव्य स्वागत किया गया। साथ ही मंदिर प्रबंधन कमेटी ने भक्तजनों के लिए भंड़ारे का भी आयोजन किया गया था। बता दें कि भगवा त्रिशूल यात्रा 1 मार्च को प्रयागराज से आरंभ हुई थी और यह 12 ज्योतिर्लिंग, चार धाम और 12 शक्तिपीठों की पवित्र यात्रा करने के बाद 120 त्रिशूलों की भव्य शोभायात्रा आज रविवार को नूंह पहुंची। इस यात्रा का उद्देश्य भारतीय सनातन संस्कृति को मजबूत करने, देश-विदेश के 120 शिव मंदिरों को डिजिटल रुप से जोड़ने तथा अन्य धर्मों के धार्मिक संस्थानों की तरह सनातन धर्म के मंदिरों का प्रबंधन भी मंदिरों के पास ही रहे। महामण्डलेश्वर नवल किशोर दास, अंतर्राष्ट्रीय मंदिर प्रबंधक परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन डाॅ नवीन नैन भालसी, राष्ट्रीय महामंत्री दीप सिहाग सिसाय, राष्ट्रीय प्रवक्ता दामिनी वशिष्ठ ने बताया कि मंदिरों में लोग अपनी श्रद्वा से जो दान के रुप में चढ़ाते है, उसका प्रत्येक रुपया सनातन संस्कृति के उत्थान, मजबूतीकरण, जीर्ण-शीर्ण मंदिरों के पुनरुत्थान के लिए खर्च होना चाहिए। महामंडलेश्वर नवल किशोर दास ने कहा कि यह पहली यात्रा है और जब तक हिंदू एकजुट नहीं होंगे तथा सनातन संस्कृति मजबूत नहीं होगी तब तक यह यात्रा चलती रहेगी।
नल्हडेश्वर मंदिर समिति के अध्यक्ष सरदार जीएस मलिक, सुरेंद्र सिंह पिंटू उजीना, दुर्गावाहिनी की प्रांत संयोजिका नेहा सिंह, नरेंद्र शर्मा, कमल गोयल, देवेंद्र सैनी, बीरपाल कालियाका, हेमराज दिहाना, अमित एडवोकेट, लाजपत राय, कीर्ति सोनी, सुभाष वशिष्ठ, रमेशचंद सोनी उजीना आदि ने यात्रा प्रबंधन करते हुए कहा कि इस प्रकार की यात्राओं से निश्चिततौर पर मेवात में रह रहे लोगों का उत्साहवर्धन होता है।
: यात्रा में जहां अनेक साधु-संत तथा शिवभक्त शामिल थे, वहीं इसमें अघोरी बाबा विशेष आकर्षण का केंद्र रहे। मृगछाल पहने तथा शरीर पर भस्म रमाएं अघोरियों ने शिव तांड़व दिखाया। जिसे देख मंदिर परिसर में उपस्थित लोगों के मुख से अनायास ही निकल पड़ा बम-बम भोले।