डेढ़ घंटे तक तड़पती रही रेफर गर्भवती महिला, फोन पर भिजवाई दिल्ली
City24news/कविता गौड़
फरीदाबाद। केन्द्र और राज्य सरकार संस्थागत प्रसुति को बढ़ावा देने के लिए हर साल अरबों रुपये पानी की तरह बहा रहे हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर सरकारी अस्पताल और स्वास्थ्य केन्द्र के डॉक्टरों की लापरवाही के कारण सरकार के मनसूबो पर पानी फिर रहा है। क्योंकि स्वास्थ्य विभाग से संबंधित अस्पतालों और डिस्पेंसरियों के डॉक्टर आने वाली गर्भवती महिलाओं का उपचार करने के बजाय अपना पल्ला झाड़ने के लिए उन्हें रेफर करना ज्यादा उचित समझते है। ऐसा अनेकों बार देखा जा चुका है कि अस्पताल द्वारा रेफर करते ही गर्भवती की अस्पताल परिसर या एम्बुलेंस अथवा किसी निजी वाहन में डिलीवरी हो जाती है। इसके अलावा इनके द्वारा रेफर करने पर रही सही कसर एम्बुलेंस सेवा द्वारा पूरी कर दी जाती है। क्योंकि रेफर होने वाली गर्भवतियों को समय पर एम्बुलेंस शायद ही कभी मिलती हो। एम्बुलेंस शाखा के अधिकारियों के द्वारा अक्सर इस मामले में अपनी मजबूरी ही जताई जाती है। उनका अकसर कहना होता है, हमारे पास एम्बुलेंस तो है, लेकिन चालकों की भारी कमी है। लेकिन इस बात का जिम्मेवार कौन है, इस बात की जानकारी तो अखिर सरकार को ही जुटानी पड़ेगी, क्योंकि इन तमाम खामियों के कारण गरीब आदमी ही तो पीस रहा है। ऐसा ही एक मामला बादशाह खान सिविल अस्पताल में देखने को मिला। जब अस्पताल के डॉक्टरों ने एक गर्भवती को गंभीर हालत बताते हुए रेफर कर दिया, लेकिन डेढ़ घंटे बाद भी एम्बुलेंस नहीं उपलब्ध हो सकी। इसे देखते हुए जब पीएमओ और एम्बुलेंस नियंत्रण कक्ष के हैड डिप्टी सीएमओ को समाचार गेट संवाददाता ने फोन पर सूचना दी, तो उक्त डिलीवरी महिला को एम्बुलेंस उपलब्ध हुई।
यह है पूरा मामला: फतेहपुर चंदीला निवासी धैर्य प्रसाद ने बताया कि उनकी पत्नी चांदनी पिछले दिनों गर्भवती थी। शुक्रवार को उसको तेज प्रसव पीड़ा होने लगी, तो चांदनी को वह आठ बजे बीके लेकर आए। यहां आने पर जांच के बाद चिकित्सकों ने बताया कि चांदनी को गर्भवस्था में पानी की कमी हो गई है, जिसके कारण उसे दिल्ली रेफर किया जा रहा है। धैर्य प्रसाद ने बताया कि चांदनी को चिकित्सकों ने रेफर कर दिया और कहा कि नीचे जाने पर एम्बुलेंस तुरंत मिल जाएगी। लेकिन एम्बुलेंस नहीं नहीं मिली, वह गए तो एम्बुलेंस रूम में बताया कि एम्बुलेंस अभी आएगी, लेकिन एम्बुलेंस न मिलने पर वह पुराने एम्बुलेंस कक्ष के पास ही बैठ गए, लेकिन एम्बुलेंस डेढ़ से दो घंटे तक नहीं मिली। ऐसे में चांदनी बेहोश होने लगी, तो संवाददाता की नजर उस पर पड़ी और उनसे वहां बैठे रहने का कारण पूछा, तो पता चला कि एम्बुलेंस नहीं मिली है। इस पर पीएमओ डॉ सविता यादव को फोन किया, तो उन्होंने तुरंत एम्बुलेंस नियंत्रण कक्ष के इंचार्ज डिप्टी सीएमओ डॉ एमपी सिंह को फोन किया और स्थिति से अवगत करवाया। वहीं संवाददाता की तरफ से भी डॉ एमपी सिंह के अलावा एम्बुलेंस नियंत्रण कक्ष के लीड मैनेजर हरकेश डागर को फोन पर स्थिति से अवगत करवाया गया, तो उन्होंने तुरंत एम्बुलेंस की व्यवस्था करते हुए गर्भवती को दिल्ली भेजा। वहीं डॉ एमपी सिंह ने बताया कि एम्बुलेंस दिल्ली गई थी, ऐसे में वापस आने पर भेजी गई है। बरसात के कारण जाम से भी थोड़ी दिक्कते हुई है।